बिजली संकट: कोयले से थर्मल को मात्र तीन दिन ही चलाया जा सकता है

थर्मल (पानीपत), । एक तरफ मांग के मुताबिक बिजली नहीं मिल रही, दूसरी तरफ एक नया संकट और सामने खड़ा हो गया है। पानीपत थर्मल पावर स्टेशन में कोयले की सप्लाई सामान्य से बहुत कम पहुंच रही है। यहां महज तीन दिन का कोयला बचा है। निम्न स्तर के कोयले से काम चलाया जा रहा है।

इस समय पानीपत थर्मल पावर प्लांट की तीनों यूनिट चल रही हैं। इन तीनों यूनिटों को चलाने में एक दिन में लगभग 10500 टन कोयले की खपत होती है। वीरवार को थर्मल में कोयले के तीन रैक पहुंचे थे। इनमें लगभग 11 हजार 100 टन कोयले की सप्लाई थर्मल में पहुंची थी। पानीपत थर्मल में इस समय मात्र 37 हजार 158 टन कोयले का स्टाक बचा है। इस बचे हुए कोयले से थर्मल को मात्र तीन दिन ही चलाया जा सकता है।

 

इस समय थर्मल की 210 मेगावाट क्षमता की यूनिट नंबर छह तथा 250-250 मेगावाट क्षमता की यूनिट नंबर सात व आठ चल रही हैं। कोयले की कमी के कारण थर्मल में निम्न गुणवत्ता का कोयला पहुंच रहा है। कोयले की निम्न गुणवत्ता के कारण थर्मल में बिजली का उत्पादन क्षमता से कम हो पा रहा है। बिजली संकट के चलते थर्मल की 210 मेगावाट क्षमता की यूनिट नंबर 6 को लगभग तीन साल बाद चलाया गया था। कोयले की निम्न गुणवत्ता के कारण यह यूनिट अपने पूरे लोड पर नहीं चल पा रही। इससे लगभग 160 मेगावाट बिजली का उत्पादन ही हो पा रहा है

Trending: इन बीमा पॉलिसियों के जरिए बचाएं Income Tax, साथ ही परिवार को करें आर्थिक रूप से सुरक्षित

हरियाणा में भीषण गर्मी की वजह से बिजली की मांग बढ़ गई है। फिलहाल 18 करोड़ 46 लाख यूनिट बिजली की मांग है। अब इसे पूरा करना बिजली निगमों के लिए चुनौती बन चुका है। ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर शहरों में आठ से लेकर दस घंटों के बिजली के कट लग रहे हैं। पिछले तीन दिनों में ही बिजली की मांग 1.75 करोड़ यूनिट तक बढ़ी है। 24 अप्रैल को बिजली की कमी 1.05 करोड़ यूनिट तक थी जो अब बढ़कर 1.62 करोड़ हो गर्ह है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!