बंधुआ एवं बाल मजदुरी उन्मूलन पर एसडीएम ने ली बैठक

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एस• के• मित्तल 
सफीदों,        नगर के मिनी सचिवालय में एसडीएम सत्यवान मान ने बंधुआ एवं बाल मजदुर उन्मूलन को लेकर अधिकारियों की बैठक ली। बैठक में तहसीलदार अजय हुड्डा, खाद्य विभाग के सब इंस्पेक्टर सुनील कुमार, बीडीपीओ कार्यालय सहायक चरणजीत, सहायक श्रम आयुक्त विनोद कुमार विशेष रूप से मौजूद थे। बैठक में एसडीएम सत्यवान सिंह मान ने बताया कि 14 साल से कम उम्र के बच्चों से घरेलू काम लेना अपराध है।
दरअसल कानून में 18 तरह के कामों को चाइल्ड लेबर की कैटिगरी में रखा गया है। 14 साल से कम उम्र के बच्चों से ये काम कराना चाइल्ड लेबर एक्ट के तहत जुर्म है। इसके तहत रेलवे, पैकिंग, कैटरिंग, कंस्ट्रक्शन, ढलाई, खदान, बंदरगाह, बूचडख़ाना, ऑटो मोबाइल शॉप, जहरीली या ज्वलनशील चीजें, हैंडलूम, प्लास्टिक या फाइबर ग्लास, होटल या ढाबे, ड्राइविंग से जुड़े काम के अलावा घरेलू नौकर का काम शामिल है। घरेलू कामकाज के लिए नौकर रखने से पहले यह जरूर सुनिश्चित करें कि वह 14 साल से कम उम्र का नहीं हो। 14 साल के कम उम्र के बच्चे से लेबर के मामले में जुर्म साबित होने पर एक साल तक कैद और 20 हजार रुपये तक जुर्माने का प्रोविजन है। इसके अलावा 18 साल से कम उम्र के बच्चों से खतरनाक उद्योग में काम करवाने का जुर्म साबित होने पर तीन साल तक कैद का प्रोविजन है।
बंधुआ मजदूरी के मामले में उम्र की कोई सीमा नहीं है, यानी किसी भी उम्र के शख्स से बंधुआ मजदूरी नहीं कराई जा सकती। अगर न्यूनतम वेतन से कम वेतन देकर किसी से काम लिया जाता है तो वह मामला बंधुआ मजदूरी के दायरे में आ सकता है। इसके लिए दोषी पाए जाने पर तीन साल तक कैद का प्रवाधान किया गया है। एसडीएम सत्यवान सिंह मान ने समिति के सदस्यों से कहा कि क्षेत्र में बंधुआ एवं बाल मजदुर उन्मूलन पर विशेष ध्यान दिया जाए और जहां बंधुआ एवं बाल मजदुर मिलते हैं उनकी शिकायत दर्ज करवाएं। उन्होंने कहा कि बाहर से आने मजदूरों को पंजीकृत करवाना सुनिश्चित करें। सरकार द्वारा पंजीकृत मजदूरों के लिए विशेष राहत दी जाती है।
कुछ ठेकेदार बाहर के मजदूरों को लेकर आते हैं लेकिन उनके जाने की सुविधा नहीं देते ऐसे लोगों के विरुद्ध कार्रवाई की जा सकती है।
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