दिल्ली-जयपुर हाइवे पर सार्वजनिक वाहनों से उतरकर सूखे जगह पर जाने के लिए संघर्ष करते लोग।
- लोगों ने मुश्किल से अपनी जान बचाई।
- गहरे पानी में सैकड़ों महिलाओं को भी काफी संघर्ष करनी पड़ी।
गुड़गांव में गुरुवार को सुबह से ही हल्की बूंदाबांदी शुरू हो गई थी, जिसके बाद सुबह 11 बजे अचानक बारिश तेज होने लगी। यह बारिश रुक-रुककर शाम 6 बजे तक जारी रही। करीब सात घंटे में जिला में 55 एमएम बारिश दर्ज की गई। इस बारिश से शहर की सड़कों जगह-जगह जलभराव की स्थिति बन गई।बारिश के बाद गुड़गांव में दिल्ली-जयपुर हाइवे व इसकी सर्विस लेन पर भारी जलभराव देखने को मिला।
इस बीच जलभराव में बसें व अन्य सवारी वाहनों के बंद होने के बाद यात्रियों को दो किलोमीटर तक गहरे पानी में संघर्ष करते हुए पैदल ही निकलना पड़ा। प्रशासन की तरफ से उन्हें सुविधा नहीं मिली। लोगों ने मुश्किल से अपनी जान बचाई। गहरे पानी में सैकड़ों महिलाओं को भी काफी संघर्ष करनी पड़ी। जबकि अप्रैल महीने से ही जलभराव पर नियंत्रण के लिए अधिकारियों की बैठकों का दौर शुरू हो गया था। लेकिन गुरुवार को गुड़गांव में जलभराव के बाद कई स्थानों पर नाव की जरूरत पड़ी, लेकिन कोई भी इंतजाम प्रशासन की ओर से नहीं किया गया। सबसे बुरा हाल हाइवे पर खेड़कीदौला से हीरो होंडा चौक के बीच रही, जहां सर्विस लेन पर पर तीन से चार फुट तक पानी भरा रहा। यही नहीं इंडस्ट्रीयल क्षेत्र सेक्टर-37 से कर्मचारियों को भी बारिश के पानी से होकर गुजरना पड़ा। पानी गहरा होने के कारण हादसा होने का डर बना रहा।
सात घंटे तक बिजली रही गुलजिला में सुबह 11 बजे से शुरू हुई बारिश के बाद कई शहर व ग्रामीण क्षेत्र के फीडर ब्रेकडाउन हो गए। बादशाहपुर सब स्टेशन के 10 से अधिक फीडर ब्रेक डाउन होने के बाद शाम तक बिजली गुल रही। इसी तरह शहरी क्षेत्र में भी 50 से अधिक फीडर पूरी तरह ब्रेकडाउन रहे। जबकि उपभोक्ता बिजली के कम्पलेंट सेंटरों में कॉल करते रहे। लेकिन बारिश होने की बात कहकर जल्द ही लाइनें चालू करने का आश्वासन देते रहे। 22 सितंबर की शाम 5 बजे तक गुड़गांव तहसील में कुल 55 एमएम बारिश दर्ज की गई। वजीराबाद में सबसे अधिक 60 एमएम व सबसे कम पटौदी में 20 एमएम दर्ज दर्ज की गई। सोहना में 43 एमएम और बादशाहपुर में 30 एमएम बारिश हुई।