प्रशांत किशोर बोले- भाजपा 300 से ज्यादा सीटें जीतेगी: बंगाल और ओडिशा में टॉप पर रहेगी; वायनाड नहीं, हिन्दी बेल्ट से चुनाव लड़ें राहुल गांधी

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नई दिल्ली5 मिनट पहले

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प्रशांत किशोर ने कहा कि भाजपा का प्रभाव है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि पार्टी और प्रधानमंत्री मोदी को हराया नहीं जा सकता है।

पॉलिटिकल स्ट्रेटजिस्ट प्रशांत किशोर ने दावा किया है कि 2024 लोकसभा चुनाव में भाजपा एक बार फिर सरकार बनाने जा रही है। वह 300 से ज्यादा सीटें जीतेगी। हालांकि, उन्होंने भाजपा के 370 सीटें जीतने के दावे को खारिज कर दिया।

प्रशांत ने न्यूज एजेंसी PTI को दिए इंटरव्यू में कहा- विपक्ष की सुस्त और कमजोर रणनीति की वजह से भाजपा को दक्षिण और पूर्वी भारत में फायदा होता दिख रहा है। इन दो क्षेत्रों में 2019 के मुकाबले पार्टी के वोट शेयर और सीटें बढ़ सकती हैं। ये दो क्षेत्र ऐसे हैं, जहां पार्टी की पकड़ कमजोर है।

ओडिशा-बंगाल में नंबर-1 पार्टी बनेगी भाजपा
प्रशांत ने दावा किया कि लोकसभा चुनाव में भाजपा ओडिशा और पश्चिम बंगाल में नंबर एक पार्टी बनने जा रही है। तेलंगाना में भाजपा पहले या दूसरे नंबर पर रह सकती है। तमिलनाडु में भाजपा का वोट शेयर दोहरे अंक तक पहुंच सकता है।

कुल 543 लोकसभा सीटों में से तेलंगाना, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, बिहार और केरल में 204 सीटें हैं। हालांकि, भाजपा 2014 या 2019 में इन सभी राज्यों को मिलाकर 50 सीटों का आंकड़ा भी पार नहीं कर सकी थी।

राहुल हिंदी पट्टी में नहीं जीते, तो वायनाड जीतने का फायदा नहीं
राहुल गांधी को लेकर प्रशांत किशोर ने कहा कि कांग्रेस की लड़ाई उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश में है, लेकिन उनके नेता मणिपुर और मेघालय का दौरा करते हैं। अगर आप यूपी, बिहार और मध्य प्रदेश में नहीं जीते, तो वायनाड से जीतने का कोई फायदा नहीं है।

किशोर ने राहुल का अपने पारिवारिक गढ़ अमेठी से चुनाव लड़ने में दिलचस्पी नहीं दिखाने पर कहा कि अकेले केरल जीतकर आप देश नहीं जीत सकते। अमेठी को छोड़ देने से गलत संदेश जाएगा।

मोदी ने 2014 में अपने गृह राज्य गुजरात के साथ-साथ उत्तर प्रदेश से चुनाव लड़ने का विकल्प चुना था। इसलिए, क्योंकि आप भारत को तब तक नहीं जीत सकते जब तक आप हिंदी पट्टी को नहीं जीतते या हिंदी पट्टी में मौजूदगी दर्ज नहीं कराते।

विपक्ष ने भाजपा को रोकने के मौके गंवाए
किशोर ने कहा कि भाजपा का प्रभाव है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि पार्टी और प्रधानमंत्री मोदी को हराया नहीं जा सकता है। विपक्ष के पास भाजपा के रथ को रोकने की तीन संभावनाएं थीं, लेकिन उन्होंने आलस और गलत रणनीतियों के कारण तीनों मौके गवां दिए।

प्रशांत किशोर ने बताया कि 2014 के बाद भाजपा बैकफुट पर थी। तब कांग्रेस इसका फायदा उठाने में विफल रही। 2015 और 2016 में भाजपा के लिए चुनावी दौर काफी निराशाजनक रहा, जब वह असम को छोड़कर कई विधानसभा चुनाव हार गई थी। इसके बावजूद 2019 में विपक्ष ने उसे वापसी करने का मौका दिया।

आंध्र में CM जगन मोहन का सत्ता में वापस आना बहुत मुश्किल
प्रशांत किशोर ने आंध्र प्रदेश में लोकसभा चुनाव के साथ हो रहे विधानसभा चुनाव पर भी बात की। उन्होंने कहा- इस बार मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी के लिए वापस आना बहुत मुश्किल होगा। रेड्डी छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की तरह लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के बजाय वोटर्स को खुश करने में लगे हैं।

किशोर ने कहा कि रेड्डी पुराने राजाओं की तरह हैं, जो गरीब लोगों को पैसे बांटते थे। इसी तरह रेड्डी लोगों को कैश ट्रांसफर करते हैं। उनके विकास के लिए कुछ नहीं करते। उन्होंने राज्य के लोगों को नौकरियां देने या रुके हुए विकास को बढ़ावा देने के लिए कुछ नहीं किया है।

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