बजट सत्र के आखिरी दिन लोकसभा में अमित शाह और असदुद्दीन ओवैसी ने राम मंदिर मुद्दे पर चर्चा की।
संसद में बजट सेशन के आखिरी दिन शनिवार को राम मंदिर निर्माण के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा हुई। दोपहर 2:30 बजे गृह मंत्री अमित शाह 30 मिनट बोले। उन्होंने कहा- गुजरात में एक कहावत है कि हवन में हड्डी नहीं डालते। जब पूरा देश आनंद में हो तो आप भी इसमें शामिल हो जाइए। इसी में भलाई है।
शाह से पहले AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने लोकसभा में अपनी बात रखी। उन्होंने दो बार बाबरी मस्जिद जिंदाबाद के नारे लगाए। उन्होंने मोदी सरकार से सवाल पूछा कि, मोदी सरकार सिर्फ एक मजहब की सरकार है? या पूरे देश के धर्मों को मानने वाली सरकार है?
4 पॉइंट में जानिए ओवैसी और शाह की स्पीच की बड़ी बातें…
1. राम नाम को लेकर
अमित शाह ने लोकसभा में कहा कि इस देश की कल्पना राम और रामचरितमानस के बिना नहीं की जा सकती। राम का चरित्र और राम इस देश के जनमानस के प्राण है। जो राम के बिना भारत की कल्पना करते हैं वो भारत को नहीं जानते। राम करोड़ों लोगों की आस्था का प्रतीक हैं। उन्होंने बताया आदर्श जीवन कैसे जीना चाहिए, इसीलिए उन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम कहा गया है। उधर ओवैसी ने कहा- मैं राम की इज्जत करता हूं, लेकिन नाथूराम से नफरत करता हूं क्योंकि उसने उस व्यक्ति की हत्या की थी जिसके अंतिम शब्द ‘हे राम’ थे।
2. बाबरी मस्जिद को लेकर
बाबरी मस्जिद पर आए फैसले को लेकर अमित शाह ने कहा- निर्णय पसंद हो तो स्वीकार कर लेना, पसंद ना आए तो सुप्रीम कोर्ट पर सवाल उठाना सही नहीं है। इस फैसले ने भारत के पंथ निरपेक्ष चरित्र को उजागर किया। दुनिया में कोई देश ऐसा नहीं है, जहां बहुमत वाले समाज ने अपनी इतनी लंबी लड़ाई लड़ी। उधर ओवैसी ने कहा- मेरा ईमान कहता है कि जिस जगह पर मस्जिद थी, वहां बाबरी मस्जिद है और रहेगी। बाबरी मस्जिद जिंदाबाद-जिंदाबाद, भारत जिंदाबाद, जय हिंद।
3. संसद-संविधान का जिक्र
ओवैसी ने कहा, 16 दिसंबर 1992 को इसी लोकसभा में एक प्रस्ताव पारित किया गया था जिसमें बाबरी मस्जिद विध्वंस की आलोचना की गई थी। इसके बाद अमित शाह बोले- संविधान के पहले पन्ने से लेकर महात्मा गांधी के आदर्श भारत की कल्पना में राम राज्य का नाम दिया गया। राम व्यक्ति नहीं, प्रतीक हैं कि करोड़ों लोगों को आदर्श जीवन कैसे जीना चाहिए। राम का राज्य धर्म-संप्रदाय के लिए नहीं है, ये पूरी दुनिया के देशों के लिए है।
4. 22 जनवरी के दिन को लेकर
राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर अमित शाह ने कहा- 22 जनवरी का दिन हजार सालों के लिए ऐतिहासिक बन गया है, जो इतिहास और ऐतिहासिक पलों को नहीं पहचानते, वो अपना अस्तित्व खो देते हैं। 22 जनवरी का दिन 1528 में शुरू हुए एक संघर्ष और एक आंदोलन के अंत का दिन है। 1528 से शुरू हुई न्याय की लड़ाई इस दिन समाप्त हुई। वहीं ओवैसी ने सरकार से सवाल पूछते हुए कहा- 22 जनवरी का जश्न मनाकर आप करोड़ों मुसलमानों को क्या मैसेज दे रहे हैं। क्या सरकार यह बताना चाहती है कि एक धर्म ने दूसरे पर विजय प्राप्त की।
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बजट सत्र का आखिरी दिन:PM मोदी बोले- आज का दिन महत्वपूर्ण; 5 साल देश के रिफॉर्म, ट्रांसफॉर्म और परफॉर्म का रहा
संसद में बजट सेशन के समापन सत्र में सुबह 11 बजे लोकसभा की शुरुआत राम मंदिर निर्माण के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के साथ हुई। शाम पांच बजे के करीब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में स्पीच दी। उन्होंने कहा- आज का दिन महत्वपूर्ण है। पिछला 5 साल देश के रिफॉर्म, ट्रांसफॉर्म और परफॉर्म का रहा। मैं सदन और सभी सांसदों का धन्यवाद करता हूं।
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