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एस• के• मित्तल
सफीदों, सफीदों के एसडीएम मनीष कुमार फोगाट ने रविवार को उपमंडल के गांव भंभेवा, मोरखी, गांगोली, भागखेड़ा, कालवा, कलावती, बिटानी, हाट, बुड्ढा खेड़ा, रोजला व मलार समेत एक दर्जन गांवों का दौरा करके खेतों में पराली जलाने की स्थिति का आंकलन किया।
इस दौरे के दौरान जिन खेतों में पराली में आग लगी मिली उसे मौके पर ही दमकल की मदद से बुझवाया और उन खेतों के मालिक किसानों को जुर्माना भी लगाया। एसडीएम ने गांव हाट व बुड्ढाखेड़ा के दो किसानों को क्रमश: 2500-2500 रुपए जुर्माना लगाया। इस मौके पर कृषि विभाग के एसडीओ सुशील कुमार व एडीओ संजीत विशेष रूप से मौजूद थे। दौरे के दौरान एसडीएम ने किसानों को समझाया कि पराली को जलाने से मिट्टी का तापमान बढ़ जाता है, जिसके कारण मिट्टी में उपलब्ध सूक्ष्म जीवाणु और केचुआ आदि मर जाते हैं।
नतीजतन मिट्टी की उपजाऊ क्षमता कम हो जाती है। पराली जलाने की वजह से जहां एक तरफ प्रदूषण की समस्या बढ़ जाती है, तो वहीं दूसरी तरफ इसके वजह से जमीन भी बंजर होने लगती है। जमीन के बंजर होने का डायरेक्ट असर किसानों की आमदनी पर पड़ता है। उन्होंने कहा कि पराली ना जलाने की स्थिति में सरकार भी आर्थिक सहायता दे रही है। इसके अलावा पराली ना जलाने को लेकर सरकार ने अनेक स्कीमें चलाई हुईं हैं। किसान स्ट्रॉबेलर मशीन बुक करवाकर पराली की गांठे बनवा सकते हैं। उन्होंने कहा कि किसानों को धान की फसल के अवशेष जलाना भारी पड़ सकता है। पराली जलाने की स्थिति में जुर्माने व एफआईआर का प्रावधान है।
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