रात को बॉन्ड पॉलिसी का विरोध करते छात्रों की फाइल फोटो।
हरियाणा के जिले करनाल के कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज के MBBS छात्र अब बॉन्ड पॉलिसी को लेकर सड़कों पर प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे। हरियाणा के चार कॉलेजों के MBBS छात्र बीते 44 दिनों से प्रदर्शन कर रहे है, लेकिन ना तो शासन सुनवाई कर रहा है और ना ही प्रशासन। ऐसे में विद्यार्थियों में सरकार के प्रति गुस्सा बढ़ता जा रहा है। लिहाजा, अब MBBS के स्टूडेंट्स ने कॉलेजों के कैंपस से बाहर निकलकर जिला सचिवालय के बाहर धरना प्रदर्शन का फैसला लिया है।
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मंगलवार देर रात को जानकारी देते हुए छात्रों ने कहा कि सरकार विद्यार्थियों की मांगों को लेकर ज्यादा गंभीर नजर नहीं आ रही है, ऐसे में मेडिकल के सभी छात्रों ने अपने प्रदर्शन की रूपरेखा में बदलने का निर्णय लिया है। ऐसे में अगर जल्द ही सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया तो विद्यार्थियों का प्रदर्शन उग्र भी हो सकता है।
मांगों को बैनर दिखाकर रोष व्यक्त करते छात्रा।
बैठकों के बाद भी नहीं मान रही सरकार मांग
मेडिकल कॉलेज की छात्रा सोनिया का कहना है कि लगभग डेढ़ महीने का समय बीत चुका है लेकिन इतनी बैठक होने के बावजूद भी सरकार कोई भी मांग नहीं मान रही है। छात्र बहुत ही ज्यादा परेशान हो चुके है। बावजूद इसके बच्चे आपस में जुड़े हुए है और लगातार प्रदर्शन कर रहे है। ठंड में बैठे छात्रों के ऊपर अभिभावकों का भी दबाव आता है। कैंपस के अंदर बैठकर प्रदर्शन करने से वे भी परेशान हो चुके है, क्योंकि कोई सुन ही नहीं रहा है ऐसे में अब फैसला लिया गया है कि कॉलेज कैंपस से बाहर निकलकर जिला सचिवालय के बाहर प्रदर्शन किया जाएगा। आम आदमी पार्टी ने राज्य सभा में मेडिकल स्टुडेंट की आवाज को उठाया है, इससे छात्रों को आप का सपोर्ट मिला है। साथ ही यह भी महसूस हो रहा है कि छात्रों की बात अब मंत्रियों के कानों तक पहुंच रही है।
बात बनाना सरकार के हाथ में है
लंबे समय से प्रदर्शन किए जा रहे है और सरकार के साथ छात्रों की मांगों पर बात नहीं बन पा रही है, इस सवाल पर मेडिकल के छात्र ने कहा कि बात बनाना सरकार के हाथ में है। हमारा काम सिर्फ इतना है कि यदि हमारे साथ कोई अन्याय हो रहा है तो उसके खिलाफ आवाज उठाए और अन्याय के खिलाफ आवाज उठाते हुए हमें 44 दिन हो चुके है।
रात को हाथ में बैनर लेकर बॉन्ड पॉलिसी का विरोध करते छात्र।
अब तक मेडिकल स्टुडेंट का धरना प्रदर्शन शांतिपूर्ण तरीके से चल रहा था, लेकिन अब मेडिकल स्टुडेंट जनता के बीच में जाएंगे और जनता के सामने भी अपनी बात रखेंगे। आम आदमी पार्टी ने राज्य सभा में बात उठाई है, और दूसरे मंत्रियों और नेताओं से भी हम अनुरोध करते है कि मेडिकल छात्रों के साथ होने वाले अन्याय की बात उठाए, क्योंकि यह देश के भविष्य का सवाल है।
छात्रों की ये है मुख्य मांगें-
सरकारी कॉलेज से पास आउट छात्रों के लिए सिर्फ एक साल सरकारी अस्पताल में नौकरी का प्रावधान हो।
– डिग्री पूरा होने के दो माह के अंदर पोस्टिंग दी जाए। वरना विद्यार्थी को बॉन्ड से मुक्त किया जाना चाहिए।
– कोई छात्र इस पोस्टिंग को ज्वाइन नहीं करता है तो बॉन्ड उल्लंघन की राशि अधिकतम 10 लाख होनी चाहिए।
– बैंक द्वारा छात्र के नाम पर लोन उस स्थिति में सेंक्शन किया जाना चाहिए, जब वह सरकारी पोस्टिंग को ठुकराता है।
– छात्र को कहीं पीजी सीट एमडी, एमएस में दाखिला मिल जाता है तो उसे पीजी कोर्स पूरा करने के बाद सेवा पूरी करने की अनुमति दी जाए।
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