LIC में 20% FDI की अनुमति के लिए सरकार ने FEMA नियमों में किया बदलाव

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नई दिल्ली, पीटीआइ। सरकार ने विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA) के नियमों में संशोधन किया है, जिससे बीमा दिग्गज LIC में 20 प्रतिशत तक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का रास्ता खुल गया है। गौरतलब है कि सरकार इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (आईपीओ) के जरिए एलआईसी में अपनी हिस्सेदारी कम करने की योजना बना रही है। एलआईसी ने फरवरी में आईपीओ के लिए बाजार नियामक सेबी के समक्ष ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (डीआरएचपी) दाखिल किया था। पिछले महीने सेबी ने ड्राफ्ट पेपर्स को मंजूरी दे दी थी।

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कैबिनेट की मंजूरी के बाद, उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (DPIIT) ने 14 मार्च को मेगा पब्लिक ऑफर से पहले LIC में विदेशी निवेश की सुविधा के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) नीति में संशोधन किया था। हालांकि, एफडीआई नीति में बदलाव सहित DPIIT के प्रावधानों को लागू करने के लिए FEMA अधिसूचना की जरूरत थी, जिससे बड़े विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों को एलआईसी के शेयरों को सब्सक्राइब करने की अनुमति मिलेगा।

हाल ही में जारी एक सरकारी अधिसूचना में कहा गया है, “इन नियमों को विदेशी मुद्रा प्रबंधन (गैर-ऋण साधन) (संशोधन) नियम, 2022 कहा जा सकता है।” अधिसूचना के जरिए मौजूदा नीति में एक अनुच्छेद डाला गया है, जिसमें एलआईसी में स्वचालित मार्ग से 20 प्रतिशत तक एफडीआई की अनुमति का उल्लेख है।

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चूंकि वर्तमान एफडीआई नीति के अनुसार सरकारी अनुमोदन मार्ग के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के लिए विदेशी प्रवाह की सीमा 20 प्रतिशत है, इसलिए एलआईसी और ऐसे अन्य कॉर्पोरेट निकायों में 20 प्रतिशत तक के विदेशी निवेश की अनुमति देने का निर्णय लिया गया है।

अधिसूचना में कहा गया, “एलआईसी में विदेशी निवेश समय-समय पर संशोधित जीवन बीमा निगम अधिनियम, 1956, (एलआईसी अधिनियम) के प्रावधानों और समय-समय पर संशोधित बीमा अधिनियम, 1938 के ऐसे प्रावधानों के अधीन होगा, जो एलआईसी पर लागू हैं।”

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बता दें कि LIC का यह IPO देश का सबसे बड़ा IPO होने वाला है। सेबी ने सरकार द्वारा अनुमानित 63,000 करोड़ रुपये में LIC की 5 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने के लिए प्रॉस्पेक्टस के मसौदे को मंजूरी दे दी है।

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