रविवार शाम को सीबीएसई बोर्ड के बाद ISC बोर्ड की और से भी 12वीं कक्षा का परीक्षा परिणाम घोषित कर दिया। सीबीएसई बोर्ड की तरह ही ISC बोर्ड के परीक्षा परिणामों में भी लड़कियों ने एक बार फिर लड़को को पीछे छोड दिया। करनाल की अंजली ने मेडिकल स्ट्रीम से 98.8% अंक प्राप्त कर प्रदेश में अच्छा रैंक हासिल किया है। शाम को परीक्षा परिणाम घोषित होने के बाद अभिभावक व विद्यार्थी अध्यापकों व अपने दोस्तों को फोन पर बधाई देते नजर आए।
छात्रा अमनप्रीत।
करनाल में एक ही ISC बोर्ड का स्कूल
बतादे कि करनाल जिले में मात्र आदर्श स्कूल ही ऐसा है जो ISC बोर्ड से है। एक सप्ताह पहले ही बोर्ड द्वारा 10वीं कक्षा का परिणाम घोषित किया था। जिसमें स्कूल का शत प्रतिशत परीक्षा परिणाम रहा था। वहीं रविवार शाम को बोर्ड द्वारा 12वीं कक्षा का परिणाम जारी किया जिसमें स्कूल का परीक्षा परिणाम 99.9 प्रतिशत रहा।
इस प्रकार रहे परीक्षा परिणाम
जानकारी के अनुसार आदर्श स्कूल की छात्रा अंजली ने मेडिकल संकाय में 98.8 फीसद अंक हासिल कर प्रदेश में भी अच्छा रैंक हासिल किया है। अमनप्रीत कौर ने 98 फीसद अंक हासिल कर जिले में दूसरे स्थान पर रही। वहीं खुशी सांगवान ने 96.4% अंक प्राप्त कर जिले में तीसरा स्थान हासिल किया। वहीं नितिन कुमार ने 95.6%, आलोक ने 94.2, सिमरन ने 93.8, मुस्कान 92.6, प्रियांशी ने 91.2, तमन्ना ने 91.2, केतन चौधरी 90.8, नवजीत कौर 90.8 अंक हासिल कर स्कूल जिले का नाम रोशन किया है।
सुनने के व्यवहार पर आधारित सामग्री ऑफ़र करने के लिए YouTube संगीत परीक्षण सुविधा
पेश है जिले की टॉपर बेटियों से बातचीत के कुछ अंश
माता पिता और शिक्षकों की बदौलत मिली ये सफलता
करनाल रहने वाली बेटी बेटी अंजली ने का कहना है कि सफलता के लिए मेहनत और अच्छी गाइडंस की जरूरत होती है जो मुझे अभिभावकों और स्कूल स्टाफ से मिली है। उन्हीं की बदौलत आज उसने यह परीक्षा परिणाम हासिल किए है। वह अपनी इस सफलता को श्रेय अपने शिक्षकों, माता पिता व अपने स्कूल के प्रिंसिपल को देती हूं, जिनकी बदौलत मैंने हर रोज 10 घंटे पढ़ाई की। अंजली चाहती है कि वह आगे मेडिकल लाइन में रहकर देश की सेवा करे और अपने माता पिता का नाम रोशन करे।
अंतरिक्ष परी को मानती है अपना आदर्श: अमनप्रीत
12वीं कक्षा में 98 प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाली करनाल की बेटी अमनप्रीत अंतरिक्ष परी को अपना आदर्श मानती है और मेडिकल लाइन में रहकर ही वह अपने देश की सेवा करना चाहती है। अमनप्रीत ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता पिता व शिक्षकों को देती है। अमनप्रीत का कहना है कि अगर उसके माता पिता उसका हौसला न बढ़ाते तो आज वह इतने अंक नहीं ला पती। उनके सहयोग से ही वह दिन में हर रोज 8 से 9 घंटे पढ़ाई करती थी।
सुनने के व्यवहार पर आधारित सामग्री ऑफ़र करने के लिए YouTube संगीत परीक्षण सुविधा
विद्यार्थियों की मेहनत से ही करनाल का प्रदेश में नाम रोशन
आदर्श स्कूल निदेशक मनसिमर सिंह व स्कूल की संयुक्त निदेशिका एना ने कहा कि काउंसिल फार द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन की ओर से विद्यार्थियों का परिणाम टर्म-1 और टर्म-2 दोनों ही परीक्षाओं के आधार पर किया गया है। साथ ही मूल्यांकन के भी अंकों को छात्रों के अंतिम परिणाम के साथ जोड़ा है। प्रत्येक वर्ष की तरह इस बार भी अव्वल विद्यार्थियों की मेहनत से प्रदेश में करनाल का नाम रोशन हुआ है।