नई दिल्ली, पीटीआइ। विश्लेषकों के अनुसार, लंबी छुट्टी के बाद कारोबार फिर से शुरू होने पर इस सप्ताह शेयर बाजारों में तिमाही आय और वैश्विक रुझान प्रमुख कारक होंगे। विश्लेषकों ने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध और चीन में COVID-19 की स्थिति की निगरानी होती रहेगी और इनका भी प्रभाव दिखेगा।
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सैमको सिक्योरिटीज के इक्विटी रिसर्च के प्रमुख यशा शाह ने कहा, “डी-स्ट्रीट बाजार के भविष्य का अनुमान लगाने के लिए तिमाही परिणामों पर नजर रहेगी।” उन्होंने कहा कि इस सप्ताह कोई बड़ी वैश्विक या घरेलू मैक्रोइकॉनॉमिक ईवेंट की उम्मीद नहीं है। ऐसे में स्टॉक-स्पेसिफिक मूवमेंट को अधिक स्पष्ट होंगे और आय के आंकड़ों का परिणाम दिखेगा।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च हेड विनोद नायर ने कहा, ‘अर्निंग सीजन की शुरुआत के साथ, आने वाले दिनों में घरेलू बाजार में भी सेक्टर-विशिष्ट गति से तेजी आने की संभावना है।”
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विशेषज्ञों ने कहा कि ‘बाजार, विदेशी संस्थागत निवेशकों के निवेश के रुझान और रुपये तथा ब्रेंट क्रूड की चाल पर भी नजर रखेगा।’ बता दें कि पिछले हफ्ते सेंसेक्स 1,108.25 अंक या 1.86 फीसदी टूटा, जबकि निफ्टी 308.70 या 1.73 फीसदी टूटा।
देश की 10 सबसे मूल्यवान कंपनियों में से 7 का बाजार मूल्यांकन घटा
इस दौरान देश की 10 सबसे मूल्यवान कंपनियों में से 7 कंपनियों के बाजार मूल्यांकन में संयुक्त रूप से 1,32,535.79 करोड़ रुपये की गिरावट देखी गई। गिरावट वाली 7 कंपनियों में सबसे ज्यादा नुकसान रिलायंस इंडस्ट्रीज का हुआ।
इन 7 कंपनियों में रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) के अलावा टीसीएस, एचडीएफसी बैंक, इंफोसिस, एचयूएल, बजाज फाइनेंस और एचडीएफसी शामिल रहीं। वहीं, आईसीआईसीआई बैंक, एसबीआई और अडानी ग्रीन एनर्जी का बाजार मूल्यांकन बढ़ा है।