नई दिल्ली14 मिनट पहले
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8 दिसंबर 2021 को हेलिकॉप्टर क्रैश में देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) बिपिन रावत का देहांत हो गया था।
देश के पहले चीफ और डिफेंस स्टाफ दिवंगत जनरल बिपिन रावत की शनिवार (16 मार्च) को 66वीं जयंती मनाई गई। इस मौके पर दिल्ली में जनरल बिपिन रावत मेमोरियल लेक्चर का आयोजन किया गया। जिसमें वर्तमान CDS जनरल विपिन चौहान और NSA अजीत डोभाल शामिल हुए।
अपने संबोधन में NSA अजीत डोभाल ने कहा कि देश के नायक राष्ट्रीय इच्छाशक्ति और देश के अस्तित्व के लिए आवश्यक हैं। आज जनरल बिपिन रावत हमारे बीच नहीं है। हम चाहे तो हम उनका ब्रांड बनाने, लोगों और सैनिकों के लिए एक प्रेरणा के रूप में उनकी छवि का राष्ट्रीय इच्छाशक्ति के निर्माण के लिए इसका लाभ उठा सकते हैं।
‘जनरल बिपिन रावत और मैं एक ही रेजिमेंट से थे’
बिपिन रावत के बाद जनरल अनिल चौहान देश के दूसरे CDS बनाए गए थे।
वहीं, CDS जनरल अनिल चौहान ने कहा ने जनरल बिपिन रावत और मैं एक ही रेजिमेंट से थे, लेकिन हमारी बटालियन अलग थीं। मैंने आर्म्ड फोर्स के दूसरे CDS के रूप में उनको फॉलो किया। यहां फिर से मेरा काम थोड़ा आसान हो गया। उन्होंने सुधारों का शुरुआत सेट निर्धारित किया। इससे मुझे उनके विचारों और धारणाओं को दृढ़ नीतियों में बदलने में मदद मिलती है।
उन्होंने आगे कहा कि आज हम जिन सुधारों की मांग कर रहे हैं, वे देश के पहले CDS के रूप में जनरल बिपिन रावत के प्रयासों की देन हैं। लेकिन यदि मैं पीछे मुड़कर देखता हूं, तो शायद यह भारत सरकार ही थी जिसने CDS के पद की घोषणा करके और सैन्य मामलों के विभाग को अलग करके सुधारों का पहला रास्ता अपनाया। यह एक साहसिक और प्रमुख घोषणा थी। इसे सुधारों का शुरुआती पाइंट कहा जा सकता है।
CDS चौहान ने यह भी कहा कि मैं वह करने की कोशिश कर रहा हूं जो जनरल बिपिन रावत ने शुरू किया था। इस साल मैं तीनों सेनाओं में एक संयुक्त संस्कृति बनाने पर काम करूंगा। भारतीय नौसेना के मिग 29 को नलिया में ऑपरेशन के लिए तैनात किया गया, जिससे उत्तर में वायु सेना मुक्त किया जा सके।
8 दिसंबर 2021 में हुई थी बिपिन रावत की मौत
देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) बिपिन रावत की 8 दिसंबर 2021 की मौत हो गई थी। तमिलनाडु के कुन्नूर में दोपहर करीब 12 बजकर 20 मिनट पर उनका हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया था। उसमें जनरल रावत की पत्नी मधुलिका रावत समेत सेना के 14 लोग सवार थे।
शिक्षा और करियर
बिपिन रावत ने देहरादून में कैंबरीन हॉल स्कूल, शिमला में सेंट एडवर्ड स्कूल और भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून से शिक्षा ली थी। यहां उन्हें ‘सोर्ड ऑफ ऑनर’ दिया गया था। वे फोर्ट लीवनवर्थ, अमेरिका में डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज, वेलिंगटन और हायर कमांड कोर्स के ग्रेजुएट भी थे। उन्होंने मद्रास यूनिवर्सिटी से डिफेंस स्टडीज में एमफिल, मैनेजमेंट में डिप्लोमा और कम्प्यूटर स्टडीज में भी डिप्लोमा किया था। 2011 में, उन्हें सैन्य-मीडिया सामरिक अध्ययनों पर अनुसंधान के लिए चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी, मेरठ की ओर से डॉक्टरेट ऑफ फिलॉसफी से सम्मानित किया गया था।
ये भी जानिए
- सरकार जानती थी कि मुश्किल हालात और इनसर्जेंसी वाले क्षेत्रों में काम करने के मामले में जनरल रावत बेहद काबिल अफसर हैं। यही वजह थी कि 2016 में दो सीनियर अफसरों पर उन्हें तरजीह दी गई और आर्मी चीफ बनाया गया था।
- बात जून 2015 की है। मणिपुर में हमारी सेना पर आतंकी हमला हुआ था। 18 सैनिकों की शहादत से देश में उबाल था। उस दौर में संयोग से 21 पैरा थर्ड कॉर्प्स के कमांडर बिपिन रावत ही थे। उन्होंने दुनिया को दिखाया कि भारत पर आंच आती है तो क्या होता है। इस यूनिट के पैरा कमांडो ने सरहद पार करके म्यांमार में ऑपरेशन किया और NSCN आतंकी ग्रुप के 60 से ज्यादा आतंकियों को उनकी मांद में ही घुसकर ढेर कर दिया था।
- पाकिस्तान की हरकतों का जवाब उन्होंने अपने अंदाज में दिया था। 29 सितंबर 2016 को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में भारतीय सेना की स्पेशल कमांडो यूनिट ने रातों-रात ऑपरेशन किया था। कई आतंकियों के साथ पाकिस्तान के सैनिक भी ढेर कर दिए हए थे। यह उरी और CRPF कैम्प पर हुए हमला का जवाब था।
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