हरियाणा के रोहतक में अक्टूबर 2019 को दर्ज केस में आरोपी को पुलिस हिरासत में थर्ड डिग्री यातना देने के आरोप में थाना अर्बन एस्टेट में तत्कालीन ASI ओमप्रकाश समेत 5 पुलिस कर्मियों और एक अन्य के खिलाफ करीब दर्जनभर धाराओं में केस दर्ज हुआ है। FIR में ASI ओमप्रकाश के साथ थाने के मुंसी टिंकू, हवलदार राजेश और दो अन्य पुलिस कर्मियों (जिनके नाम नहीं पता) पर संगीन आरोप हैं। मामले में पीड़ित लंबी कानूनी लड़ाई के बाद केस दर्ज कराने में कामयाब हुआ है।
आरोप है कि पुलिस कर्मियों ने एक व्यक्ति सुरेश कुमार से मिलकर ब्रेजा कार को धोखाधड़ी से हड़पने का झूठा केस दर्ज कर झज्जर के सीदीपुर गांव निवासी जगदीश को गिरफ्तार किया। इसके बाद उसे हिरासत में रात भर बुरी तरह से पीटा गया। कोर्ट में पेश करने से पहले उसकी झूठी मेडिकल रिपोर्ट भी तैयार कराई गई। शरीर पर पुलिस द्वारा दी गई चोटों के निशान होने के बावजूद डॉक्टर ने अपनी रिपोर्ट में इसका उल्लेख नहीं किया। इस मामले में सरकारी डॉक्टर पर पहले ही केस दर्ज हो चुका है।
अक्टूबर-2019 में ये हुआ था केस दर्ज
मामले के अनुसार 5 अक्टूबर 2019 को थाना अर्बन एस्टेट रोहतक में सेक्टर-3 निवासी सुरेश ने झज्जर जिले के गांव सीदीपुर निवासी जगदीश के खिलाफ केस दर्ज कराया था। इसमें उसने कहा कि जगदीश और वह एक कंपनी में साथ काम करते थे। एक दिन उसकी ब्रेजा गाड़ी HR-12एएफ-9772, जिसका उसने HDFC बैंक से लोन कराया हुआ है और सारे कागजात उसके नाम पर हैं, को जगदीश अप्रैल 2018 में मांग कर ले गया था। अब वह झूठे शपथपत्र बनवा कर उसकी गाड़ी को अपनी बता कर देने के लिए मना कर रहा है।
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गाड़ी को लेकर जगदीश का तर्क
मामले में आरोपी जगदीश का कहना था कि जिस गाड़ी को धोखाधड़ी से हथियाने का उस पर केस दर्ज हुआ है, वह तो उसे एम.एच. स्टोर कम्पनी की ओर से गिफ्ट में मिली थी। कंपनी ने रोहतक स्थित D2M होटल में आयोजित एक कार्यक्रम में उसे दी थी। उसने कोर्ट में इस संबंध में कार्यक्रम फोटोग्राफ, वीडियो और कुछ कागजात आदि पेश किए। साथ ही बताया कि उसने गाड़ी सुरेश ने नहीं मांगी बल्कि वह अप्रैल 2018 से ही उसके पास थी। अक्टूबिर 2019 में एक साजिश के तहत उस पर केस दर्ज हुआ। इसके पीछे उसने यह तर्क भी दिया कि साल 2018 से सुरेश पर कंपनी से धोखाधड़ी की शिकायत चल रही थी।
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26 दिसंबर 2019 को थाने में दी थर्ड डिग्री
ब्रेजा कार को लेकर 5 अक्टूबर 2019 को दर्ज हुए मामले में पुलिस ने 26 दिसंबर 2019 को जगदीश को गिरफ्तार किया। इसके बाद उस पर थाने में थर्ड डिग्री का कहर टूटा। FIR में साफ लिखा है कि 26 दिसंबर को ASI ओमप्रकाश, मुंशी टिंकू, राजेश हवलदार व अन्य 2 पुलिस कर्मचारियों (जिन्हें सामने आने पर वह पहचान सकता है) ने सुरेश के साथ मिल कर उसे पुलिस हिरासत में बहुत पीटा। टिंकू और राजेश थप्पड़, मुक्के मारे। थाने में ही नीचे गिराकर लात-घुंसे व डंडो से पीटा। ओमप्रकाश ने पहले लातों से फिर कोहनी से मारा। वहां दो अन्वय पुलिस कर्मियों ने भी उसे जान से मारने की नीयत से बुरी तरह चोटें पहुंचाई।
पीड़ित जगदीश का कहना है कि 26 दिसंबर की रात को बीच-बीच में कई बार उसे मारा-पीटा गया। परिवार को झूठे केस में फंसाने और उसे जान से मारने की धमकी दी गई। आंख, मुंह, दांत, कान, कूल्हे व अन्य अंगों पर चोटें पहुंचाई गई। गकाली गलौज भी उसके साथ किया गया।\
डॉक्टर ने दी झूठी मेडिकल रिपोर्ट
पुलिस कर्मियों पर दर्ज हुई FIR में बताया गया है कि 27 दिसंबर को उसे कोर्ट में पेश करने से पहले पुलिस कर्मियों ने सिविल अस्पताल के डॉक्टर से झूठी मेडिकल रिपोर्ट तैयार करवाई गई। MLR में डॉक्टरों ने पुलिस की पिटाई से आई चोटों का कोई उल्लेख नहीं किया गया। जगदीश ने कोर्ट मे जज को शरीर पर लगी चोटें दिखाई तो दिखाई तो कोर्ट ने पीजीआई से डॉक्टरों के बोर्ड से मेडिकल कराने के आदेश दिए। दूसरी मेडिकल रिपोर्ट मे ंसाफ बताया गया कि उस पर थर्ड डिग्री अपनाई गई है। इसके बाद 31 जनवरी 2020 को झूठी मेडिकल रिपोर्ट देने वाले डॉक्टर के खिलाफ थाना आर्य नगर में केस दर्ज किया गया। साथ ही कोर्ट ने जगदीश को जमानत भी दे दी।
पुलिस ने नहीं की अपने मुलाजिमों पर कार्रवाई
जगदीश ने पुलिस थाने में दी गई प्रताड़ना और झूठे केस में फंसाने से जुड़ी शिकायत 5 फरवरी 2020 को एसपी रोहतक और अन्य पुलिस अधिकारियों को देकर आरोपियों पर कार्रवाई की गुहार लगाई। आरोप है कि कार्रवाई करने की बजाय उसकी शिकायत को फाइल कर दिया गया। इसके बाद जगदीश ने 13 अगस्त 2020 को इलाका मजिस्ट्रेट की कोर्ट में इस्तगासा दायर कर आरोपियों पर कार्रवाई की गुहार लगाई।
ढ़ाई साल बाद केस दर्ज
अर्बन एस्टेट पुलिस थाने में अब करीब ढ़ाई साल बाद कोर्ट के आदेश पर तत्कालीन ASI ओमप्रकाश, मुंशी टिंकू, हवलदार राजेश और दो अन्य पुलिस कर्मियों के साथ सुरेश कुमार के खिलाफ रविवार को धारा166, 167, 218, 323, 324, 330, 331, 506, 120-बी / 34 IPC के तहत केस नंबर 0211/2022 दर्ज हुआ है। मामले के जांच अधिकारी सब इंस्पेक्टर नरेंद्र ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर केस दर्ज हुआ है। पुलिस ने छानबीन शुरू कर दी है और किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
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