एस• के• मित्तल
सफीदों, कर्मकाण्डी ब्राह्मण परिषद के तत्वावधान एवं विभिन्न सामाजिक व धार्मिक संगठनों के सहयोग से नगर के महाभारतकालीन नागक्षेत्र सरोवर, गीता मंदिर व हंसराज तीर्थ पर तुलसी पूजन दिवस धूमधाम से मनाया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता परिषद के प्रतिनिधि संजीव गौत्तम ने की। इस अवसर पर श्रद्धालुओं ने विधिवत वैदिक मंत्रोचारण के बीच तुलसी पूजन किया तथा मंगलगीत गाए।
सफीदों, कर्मकाण्डी ब्राह्मण परिषद के तत्वावधान एवं विभिन्न सामाजिक व धार्मिक संगठनों के सहयोग से नगर के महाभारतकालीन नागक्षेत्र सरोवर, गीता मंदिर व हंसराज तीर्थ पर तुलसी पूजन दिवस धूमधाम से मनाया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता परिषद के प्रतिनिधि संजीव गौत्तम ने की। इस अवसर पर श्रद्धालुओं ने विधिवत वैदिक मंत्रोचारण के बीच तुलसी पूजन किया तथा मंगलगीत गाए।
अपने संबोधन में संजीव गौत्तम ने कहा कि तुलसी का धार्मिकता के साथ-साथ औषधीय महत्व भी है। भारतीय समाज में तुलसी को अखण्ड सौभाग्य दायक माना जाता है। तुलसी की पूजा आदिकाल से होती आ रही है। पूजा-अर्चना में तुलसी का बहुत महत्व है। आयुर्वेद में तुलसी के महत्व के बारे में विस्तार से बताया गया है। उन्होंने कहा कि हमें बच्चों को सनातन संस्कृति व सभ्यता से जोडऩा चाहिए। तुलसी पूजन के साथ-साथ श्री हनुमान चालीसा पाठ, गीता पाठ, गायत्री व महामृत्युंजय मंत्र का पाठ नियमित रूप से करना चाहिए ताकि उनमें अच्छे संस्कार पैदा हो सके।
25 दिसंबर का दिन तुलसी पूजन दिवस के रूप में मनाना चाहिए तथा गुरु पुत्रों के देश धर्म की रक्षा के लिए दी गई शहादत को नमन वंदन करना चाहिए। अपने मंदिरों में तुलसी पूजन करके गुरु पुत्रों को नमन करें जिनके कारण आज हमारी सनातन संस्कृति बची हुई है। इस मौके पर प्रमोद गौतम, सत्यदेव चौबे, यतींद्र कौशिक, धर्मबीर गर्ग, संजीव गौतम, रितू कौशिक, ममता, नीलम, सुनीता व राजरानी प्रमुख रूप से मौजूद थे।