एस• के• मित्तल
सफीदों, नगर के आर्य समाज मंदिर रविवार को मासिक सत्संग एवं हवन का आयोजन किया गया। इस आयोजन में सुबह हवन किया गया। हवन में सैंकड़ों लोगों ने आहुति डालकर समाज की सुख-शांति की कामना की। वहीं भजनोपदेशिका बहन ज्योति आर्या राजस्थान व आचार्य ओमप्रकाश पानीपत शिरकत करके लोगों को आर्य समाज के बारे में बताया।
सफीदों, नगर के आर्य समाज मंदिर रविवार को मासिक सत्संग एवं हवन का आयोजन किया गया। इस आयोजन में सुबह हवन किया गया। हवन में सैंकड़ों लोगों ने आहुति डालकर समाज की सुख-शांति की कामना की। वहीं भजनोपदेशिका बहन ज्योति आर्या राजस्थान व आचार्य ओमप्रकाश पानीपत शिरकत करके लोगों को आर्य समाज के बारे में बताया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता आर्य समाज के प्रधान यादविंद्र बराड़ व संयोजन मंत्री संजीव मुआना ने किया। अपने संबोधन में बहन ज्योति आर्या व आचार्य ओमप्रकाश ने कहा कि वेद विश्व के सबसे प्राचीन ग्रंथ है और ऋषि दयानंद ने वेदों के आधार पर महान ग्रंथ सत्यार्थ प्रकाश की रचना करके समाज से अंधविश्वास, अशिक्षा और अज्ञानता को मिटाने का कार्य किया और देश को आजाद करवाने में अहम भूमिका निभाई। जो भी व्यक्ति आर्य समाज के सभी 10 नियमों का पालन करता है वही पक्का आर्य समाजी है।
वेद वाक्य बुद्धि पूर्ण रचना है जो विश्व कल्याण की कामना करती है इसीलिए लोगों को शांत मन से प्रतिदिन वेद पाठ और यज्ञ करना चाहिए। आर्य समाज संसार से अंधविश्वास अशिक्षा और अज्ञानता को मिटा कर वैसुधैव कुटुंबकम की भावना से कार्य करता है। कार्यक्रम के समापन पर ऋषि लंगर का आयोजन किया गया, जिसमें सैंकड़ों लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया।
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