एस• के• मित्तल
सफीदों, उपमंडल के गांव हाट स्थित महर्षि दधीचि की तपोभूमि हटकेश्वर धाम पर सावन के अंतिम रविवार 27 अगस्त को विशेष संयोग में मेला लगेगा और इनामी कुश्ती दंगल होगा। इससे पहले 26 अगस्त शनिवार की रात को रागिनी कंपीटिशन भी होगा। इसमें प्रदेश के प्रमुख कलाकार अपनी प्रस्तुति देंगे। गौरतलब है कि हटकेश्वर धाम देश के 68 प्रमुख तीर्थों की जलधारा का संगम स्थल है जहां स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।
सफीदों, उपमंडल के गांव हाट स्थित महर्षि दधीचि की तपोभूमि हटकेश्वर धाम पर सावन के अंतिम रविवार 27 अगस्त को विशेष संयोग में मेला लगेगा और इनामी कुश्ती दंगल होगा। इससे पहले 26 अगस्त शनिवार की रात को रागिनी कंपीटिशन भी होगा। इसमें प्रदेश के प्रमुख कलाकार अपनी प्रस्तुति देंगे। गौरतलब है कि हटकेश्वर धाम देश के 68 प्रमुख तीर्थों की जलधारा का संगम स्थल है जहां स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।
हटकेश्वर धाम की परंपरा रही है कि सावन के चौथे रविवार को स्नान का विशेष महत्व है। शास्त्रों में वर्णित है कि सावन के चौथे रविवार को मेला लगता है। धाम कमेटी प्रधान बिल्लू का कहना है कि मंदिर में व्यवस्था की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। पूजा के लिए वॉलिंटियर ड्यूटी लगाई जाएंगी। स्नान के साथ सरोवर में इस बार विशेष तौर पर फव्वारों का अद्भुत दृश्य भी दिखेगा। बाबा गिरडीदास ने बताया कि हटकेश्वर धाम का शिवपुराण में भी उल्लेख है। महाभारत युद्ध का गवाह भी यह स्थल है और कुरुक्षेत्र की 48 कोस की परिधि में आता है। किवंदति है कि महर्षि दधिचि ने देश के 68 प्रमुख तीर्थों की जलधारा यहां मंगवाकर स्नान करके हड्डियों का दान असुरों के विनाश के लिए दिया था।
It is a big achievement, shows impact of franchise cricket: Ashwin on UAE beating New Zealand in T20
यहां स्नान और पूजा का विशेष महत्व है। गांव के बलवान सिंह बूरा ने बताया कि हटकेश्वर धाम मेला प्राचीन समय से लगता आ रहा है। मेला ग्रामीणों के लिए त्यौहार की तरह है। रिश्तेदार और अन्य प्रदेशों से भी श्रद्धालु पहुंचते हैं। ऐसे में उनकी आवभगत के लिए हर घर में पूरी व्यवस्था की जाती है। हलवा खिलाया जाता है। श्रद्धालुओं के लिए हटकेश्वर धाम पर भी भंडारे लगाए जाएंगे।
Follow us on Google News:-