कैथल। बिजली गुल होने से उद्योग क्षेत्र को भी काफी अधिक नुकसान हो रहा है। क्योंकि बिजली की सप्लाई न होने की स्थिति में उद्याेग चलाने में जरनेटर का प्रयोग किया जा रहा है। जरनेटर में डीजल की खपत बिजली से तीन गुणा अधिक होती है। ऐसे में उद्याेगों को भी चलाने में उद्योगपतियों को अधिक खर्च वहन करना पड़ रहा है। उद्याेगपतियों को कहना है कि सरकार इस समय आम जनता के साथ व्यापारियों को भी परेशान कर रही है। बिजली सप्लाई की समस्या का जल्द समाधान होना चाहिए।
कैटेगिरी —-समय-सारिणी—– घंटों में कट
उद्योगों में —-रात आठ से सुबह चार बजे तक—-आठ घंटे
शहरी—-अल सुबह दो से तीन बजे तक—-सुबह पांच से छह बजे तक
सुबह आठ से साढ़े आठ बजे तक—-सुबह 10 से दोपहर 12 बजे तक
दोपहर साढ़े तीन से साढ़े पांच बजे तक—-साढ़े छह घंटे
ग्रामीण—-आधी रात 12 ये एक बजे तक—-सुबह तीन से चार बजे तक
सुबह सात से आठ बजे तक—-रात 10 से 11 बजे तक
पुलिस को गश्त करने की दी हिदायतें
बिजली के संकट को देखते हुए सरकार के आदेशों के तहत जिला प्रशासन की तरफ से पुलिस को गश्त करने की हिदायतें दी गई हैं। इसमें कहा गया कि बिजली सप्लाई की समस्या के चलते पुलिस की पीसीआर लगातार गश्त करें। जिससे लोगों के प्रदर्शन करने की जानकारी उन्हें आसानी से मिल पाए।
मकान में रुका रगड़ाई का कार्य
शहर निवासी नीरज कुमार ने बताया कि वह मकान बना रहा है। इस समय मकान में फर्श की रगड़ाई का कार्य चल रहा है। पिछले चार दिन से बिजली के अधिक कट लग रहे हैं। इस स्थिति में रगड़ाई का कार्य बीच में रुका है। काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है।
शिकायतों का नहीं हो पाता निपटारा
इलेक्ट्रानिक सामान के व्यापारी ओम ने बताया कि बिजली के कटों के कारण उन्हें भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस समय गर्मी के मौसम में पंखे, कूलर, फ्रिज व एसी की बिक्री तो शुरू हुई। परंतु कंपनी के कर्मचारी इसे बिजली नहीं होने की स्थिति में लगा नहीं पा रहे हैं। वहीं, जो शिकायतें उपकरणों को ठीक करने से संबंधित आती है। उनका दिन के समय में नहीं, बल्कि शाम के समय निपटारा हो पाता है।
तीन गुणा बढ़ गया खर्च
खल-बिनौला का कार्य करने वाले संचालक संजीव गुप्ता ने बताया कि बिजली के अघोषित कटों के कारण डीजल के माध्यम से जरनेटर चलाने की स्थिति में उनका खर्च तीन गुणा बढ़ गया है। उनकी खल की फैक्ट्ररी में प्रतिदिन 200 यूनिट खर्च होती है। जबकि जरनेटर से बिजली की आपूर्ति करने की स्थिति में 300 लीटर डीजल खर्च हो रहा है। वे मशीन को अचानक बंद भी नहीं कर सकते हैं। बंद करने में उन्हें नुकसान होने की संभावना रहती है।