नकली सिक्के बनाने वाला दिल्ली से गिरफ्तार, 24 साल पहले हुआ था फरार

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रोहतक। करीब ढाई दशक पहले 5, 10 और 20 पैसे के नकली सिक्के बनाने के मामले में सजायाफ्ता कैदी को सदर थाना पुलिस की टीम ने 24 साल बाद गिरफ्तार कर लिया। हाई कोर्ट से जमानत पर आने के बाद कैदी फरार हो गया था, जो तभी से दिल्ली में अलग-अलग स्थान बदलकर रह रहा था। आरोपित को रविवार को कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया जाएगा।

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सदर थाना प्रभारी मोहम्मद इलियास ने बताया कि 19 फरवरी 1995 में बोहर निवासी जयप्रकाश उर्फ बिट्टू के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। आरोप था कि वह नकली सिक्के बनाकर बाजार में सप्लाई करता था। जिसने नकली सिक्के बनाने की मशीन लगा रखी है। शिकायत के बाद पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार किया। जिसके बाद मामला कोर्ट में पहुंचा और आरोपित को दोषी करार देते हुए पांच साल की सजा सुनाई गई थी। दोषी ने सजा के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दायर कर दी। इसके बाद उसे हाई कोर्ट से जमानत तो मिल गई, लेकिन उसकी अपील को हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया। अपील खारिज होने के बाद दोषी जयप्रकाश फरार हो गया। हाई कोर्ट ने वर्ष 1998 में उसे भगौड़ा घोषित कर दिया। दोषी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी किया गया, लेकिन वह हाथ नहीं लगा।

सूचना के आधार पर पुलिस ने अब जयप्रकाश उर्फ बिट्टू को दिल्ली के रोहिणी स्थित पारस मुहल्ले से गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में सामने आया कि आरोपित ने आसपास के लोगों को बता रखा था कि वह साहूकार है। करीब पांच साल तक इससे पहले वह अलग पते पर रहा, लेकिन बाद में अपना पता बदल लिया था। वह समय-समय पर अपना हुलिया बदल लेता था। कभी दाढ़ी बढ़ा लेता था तो कभी साफ कर देता था। यहां तक कि उसने अपने रिश्तेदारों से भी संपर्क रखना बंद कर दिया था। वह अपने गांव में भी नहीं आता था। फिलहाल आरोपित से पूछताछ की जा रही है कि इस अवधि के दौरान वहां कहां-कहां पर रह रहा था।
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