हरियाणा के रोहतक में अखिल भारतीय किसान सभा जिला कमेटी ने राज्य कार्यालय पर 87वां स्थापना दिवस मनाया। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला प्रधान प्रीत सिंह ने की। इस दौरान किसान सभा के राज्य उपाध्यक्ष इंद्रजीत सिंह ने कहा कि अखिल भारतीय किसान सभा का गठन स्वामी सहजानंद सरस्वती व प्रोफेसर एनजी रंगा के नेतृत्व में 11 अप्रैल 1936 में लखनऊ में हुआ था।
उन्होंने कहा कि उस समय देश के अलग-अलग भागों में किसानों के आंदोलन चल रहे थे। 1917 में गांधी द्वारा शुरू किए गए चम्पारन आंदोलन की सफलता के बाद किसान आंदोलन को बल मिला। अलग प्रातों में बने संगठनों ने इकट्ठे होकर राष्ट्रीय स्तर के किसान संगठन का गठन किया था। जिसने किसानों की लड़ाई लड़ते हुए उनके शोषण पर रोक लगाई।
अखिल भारतीय किसान सभा के स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में भाग लेते हुए।
एमएसपी लागू करवाने की मांग
किसान सभा राज्य सचिव सुमित सिंह ने कहा कि आज किसानों के सामने लाभकारी एमएसपी को संवैधानिक तरीके से लागू करवाने, खेती की लागत कम करवाने, किसान को कर्जमुक्ति दिलवाने, बिजली निजीकरण वापस करवाने, प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान का मुआवजा दिलवाने तथा लखीमपुर खीरी के किसानों को न्याय दिलवाने जैसे महत्वपूर्ण सवाल हैं। जिनके लिए संघर्ष करना है।
एकता व्यापक करके होगी लंबी लड़ाई
उन्होंने कहा कि अनेक प्रातों में जमीन जोतने वाले किसानों को मालिकाना अधिकार दिलवाएं। अंग्रेजों के विरुद्ध स्वतंत्रता संग्राम में बड़ा योगदान दिया। उसके संस्थापक नेताओं ने किसान सभा के लाल झंडे को अपनाया। 2020 व 2021 के ऐतिहासिक किसान आंदोलन में किसान सभा की नेतृत्वकारी ऐतिहासिक भूमिका रही। भविष्य में किसानों की एकता व्यापक बनाकर लंबी लड़ाई लड़कर किसानों को न्याय दिलवाएगी।
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