पत्रकार की धर्मपत्नी की श्रद्धांजली सभा में गण्यमान्य लोगों ने जताया शोक

एस• के• मित्तल 
सफीदों,         सफीदों के वरिष्ठ पत्रकार हरीश कपूर की धर्मपत्नी किरण कुमारी की श्रद्धाजंली सभा सोमवार को नगर की लैय्या धर्मशाला में संपन्न हुई। इस श्रद्धांजली सभा में नगर के अनेक गण्यमान्य लोगों व धार्मिक-सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने शिरकत करके दिवंगत किरण कुमारी को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की तथा परिवार को ढांढस बंधाया। वहीं पूर्व मंत्री बचन सिंह आर्य ने भी पहुंचकर परिवार को ढांढस बंधाया।
व्यास पीठ से पंडित सुनील शास्त्री ने उपस्थित शोकाकुल परिवार व लोगों को गरूड पुराण का पाठ सुनाकर उसके महत्व से अवगत करवाया। वहीं प्रतापिता ब्रह्माकुमारी विश्व विद्यालय सफीदों से आई बहनों कुसुम व रेखा ने जीवन मूल्यों व मृत्यु की सच्चाई से अवगत करवाते हुए कहा कि आत्मा अजर, अमर व अविनाशी है। इस संसार से जीव का केवल शरीर जाता है लेकिन आत्मा कभी नहीं मरती है। व्यक्ति जीवन में कितना ही कुछ ना अर्जित कर ले लेकिन साथ कुछ भी नहीं जाता। आदमी के साथ कुछ जाता है तो उसके सदकर्म साथ जाते हैं। हर इंसान को जीवन में सदकर्म व भलाई के कार्य करने चाहिए तथा प्रभू का नाम सिमरन करना चाहिए।
वहीं पूर्व मंत्री बचन सिंह आर्य ने बोलते हुए कहा कि परिवार के ऊपर नि:संदेह दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है लेकिन प्रभू की इस इच्छा को स्वीकार करते हुए पूरे परिवार को दृढ़ होकर इस दुख की घड़ी का सामना करना होगा। उन्होंने रामायण का जिक्र करते हुए कहा कि किस प्रकार से श्रीरामचंद्र जी का सुबह राजतिलक होना था लेकिन उन्हे वनवाश को जाना पड़ा। पुत्र के वियोग में राजा दशरथ चल बसे और सारे साम्राज्य पर दुखों का पहाड़ टुटा पड़ा था। यश-अपयश तथा जीवन-मरण सब प्रभू के हाथ में हैं। बता दें कि दिवंगत किरण कुमारी अल्पायु में चल बसी और अपने पीछे पति हरीश कपूर, दो बेटियों व एक बेटे को छोड़कर गई हैं।

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