आरोपी जेई के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया है।
रेवाड़ी जिले में विजिलेंस ने जिला नगर योजनाकार (DTP) कार्यालय में कार्यरत एक JE को 8 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगों हाथों पकड़ा है। उसने कोसली कस्बा निवासी एक शख्स से 7A के तहत एनओसी के नाम पर यह रकम मांगी थी। JE के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया है।
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मिली जानकारी के अनुसार, कोसली के गांव नेहरूगढ़ निवासी रिंकू ने 7A के तहत किसी प्लाट की रजिस्ट्री कराने के लिए एनओसी के लिए जिला नगर योजनाकार दफ्तर में आवेदन किया था। लेकिन कई बार चक्कर काटने के बाद भी एनओसी जारी नहीं की गई। रिंकू से इसके बदले रिश्वत मांगी गई। रिंकू ने इसकी शिकायत गुरुग्राम विजिलेंस को कर दी। विजिलेंस ने पूरा जाल बिछाकर सोमवार को इंस्पेक्टर रणवीर सिंह के नेतृत्व में डीटीपी दफ्तर में रेड कर दी।
इस दौरान जेई सत्यवान को 8000 रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। विजिलेंस की कार्रवाई से पूरे दफ्तर में हड़कंप मच गया। विजिलेंस टीम आरोपी जेई को अपने साथ लेकर रवाना हो गई। उसके खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत केस भी दर्ज किया गया। खास बात यह है कि जिस दौरान विजिलेंस की कार्रवाई डीटीपी दफ्तर में चल रही थी उसी दौरान जिला सचिवालय में डीटीपी वेद प्रकाश प्रशासन को शहर में अवैध कॉलोनियों विकसित नहीं होने देने का आश्वासन दे रहे थे।
पहले भी लग चुके गंभीर आरोप
बता दें कि यह पहली बार नहीं इससे पहले भी नगर योजनाकार दफ्तर में अवैध कॉलोनियों को लेकर भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं। रेवाड़ी जिले में चारों तरफ अवैध कॉलोनियों का मकड़जाल फैला हुआ है। यह संभव नहीं कि बिना मिलीभगत के पूरी कॉलोनियां विकसित हो जाएं। विजिलेंस की टीम जेई से सख्ती से पूछताछ के बाद अन्य अधिकारियों को भी जांच के दायरे में ला सकती है। डीटीपी वेद प्रकाश ने बताया कि जब जेई को गिरफ्तार किया गया वह जिला सचिवालय में बैठक में मौजूद थे। उन्होंने माना कि DTP के JE सत्यवान को गिरफ्तार कर लिया गया है।