माता के दरबार में आने वाले श्रद्धालुओं को मिलती है खुशी : मीना शर्मा

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गुप्त नवरात्रों के समापन पर जयंती मंदिर में लगा विशाल भंडारा

एस• के • मित्तल 
जींद,        गुप्त नवरात्रों में शुरू हुई सुखसागर कथा के समापन और गुरू पूर्णिमा की पूर्व संध्या पर जयंती देवी मंदिर में हवन यज्ञ और भव्य भंडारे का आयोजन किया गया। इस अवसर पर हजारों श्रद्धालुओं ने पहुंचकर मानव कल्याण के लिए पूजा-अर्चना की।
माता के दरबार में प्रमुख समाज सेविका मीना शर्मा, राकेश, राजेश, डॉ९ जेनेंद्र, डॉ० रजनीश जैन, डॉ० अजय, मास्टर अशोक, मास्टर सोमबीर मलिक, सतबीर वर्मा, राजेश गर्ग, डॉ० अजय गोयल, महेंद्र मंगला, राजेश कौशिक, विजय सचदेवा, राम सुनेजा, सागर आदि श्रद्धालुओं ने पूजा अर्चना की। समाज सेविका मीना शर्मा ने कहा कि गुप्त नवरात्रों में पूजा-अर्चना का विशेष महत्व होता हैं। माता के दरबार में आने वाला श्रद्धालु हमेशा खुशियां पाता हैं। मंदिर पुजारी नवीन कुमार शास्त्री ने कहा कि गुप्त नवरात्रों के पर्व पर हर वर्ष सुख सागर कथा का आयोजन किया जाता हैं। मानव कल्याण के लिए की जाने वाली इस कथा का रसपान करने के लिए सैंकड़ों श्रद्धालु आते हैं। उन्होंने बताया कि मंदिर में लगे विशाल भंडारे के अंदर करीब दो हजार श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। उन्होंने कहा कि माता के दरबार में आने वाला श्रद्धालु खुशियों के साथ घर लौटता हैं।
पुजारी ने बताया कि भंडारे में व्यवस्था संभालने के लिए करीब 100 श्रद्धालु स्वयं सेवक के तौर पर मोर्चा संभाले हुए थे। उन्होंने कहा कि सावन माह के दिनों में शिवजी भोले की मंदिर में विशेष तौर पर पूजा-अर्चना होती रहेगी। वहीं शिव रात्रि पर्व को लेकर भोले भक्तों के लिए विशेष तैयारियां की जा रही हैं।

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