2026 तक केंद्र सरकार देश के 30 टूरिस्ट प्लेस को बैगर फ्री बनाएगी।
केंद्र सरकार ने देश की 30 टूरिस्ट प्लेस को भिखारी मुक्त बनाने का प्लान तैयार किया है। इनमें उत्तर प्रदेश के अयोध्या और मध्य प्रदेश के उज्जैन जैसे 10 धार्मिक स्थल शामिल हैं। सामाजिक न्याय मंत्रालय के अधिकारियों ने सोमवार (29 जनवरी) को बताया कि 2026 तक इन जगहों से भिखारियों को विस्थापित किया जाएगा। इन्हें रहने के लिए जगह और शिक्षा देने का भी काम किया जाएगा।
भिखारियों की पहचान के लिए भिक्षावृत्ति मुक्त भारत अभियान के तहत सर्वे शुरू हो चुका है। इसकी मॉनिटरिंग के लिए मंत्रालय की ओर से एक ऐप और पोर्टल भी फरवरी 2024 में लॉन्च किया जाएगा। इसमें भिख मांगने वाले लोगों जानकारी डाली जाएगी। उन्हें कहां विस्थापित किया गया है इसे भी लगातार अपडेट किया जाएगा।
इन जगहों से भिखारी विस्थापि होंगे
धार्मिक महत्व के जिन 10 स्थानों पर भिखारियों को विस्थापित किया जाएगा, उनमें अयोध्या, ओंकारेश्वर, कांगड़ा, सोमनाथ, उज्जैन, बोधगया, त्र्यंबकेश्वर, पावागढ़, मदुरै और गुवाहाटी शामिल हैं। इसके अलावा, पर्यटन स्थलों में जैसलमेर, तिरुवनंतपुरम, विजयवाड़ा, कुशीनगर, सांची, केवडिया, श्रीनगर, नामसाई, खजुराहो, और पुडुचेरी शामिल हैं। वहीं, वारंगल, तेजपुर, कोझिकोड, अमृतसर, उदयपुर, कटक, इंदौर, मैसूर, पंचकूला, शिमला, तेजपुर पुरातात्विक स्थलों की सूची में हैं।
कैसे होगा सर्वे?
अधिकारियों ने बताया कि सभी 30 टूरिस्ट प्लेस पर सर्वे का यूनिफॉर्म पैटर्न रखा गया है। सबसे पहले भिखारियों से पूछा जाएगा कि वह आजीविका के लिए कोई अन्य काम करना चाहते हैं या आगे भी भीख ही मांगना चाहते हैं। इसके अलावा यह भी पूछा जाएगा कि उनके परिवार में कितने लोग इस काम में लिप्त हैं। इस आधार पर हर शहर की एक रिपोर्ट तैयार की जाएगी। अलग-अलग शहरों की नगर पालिकाएं और नगर निगमों से बनाए गए प्लान के तहत मंत्रालय भिखारियों को विस्थापित करने के लिए फंड जारी करेगा।
मध्य प्रदेश के सांची में नहीं है एक भी भिखारी
पहचान किए गए 30 शहरों में से 25 शहरों की नगर पालिकाओं और नगर निगमों ने मंत्रालय को प्लान शुरू करने की सहमति दे दी है। लेकिन कांगड़ा, कटक, उदयपुर और कुशीनगर से अभी तक मंत्रालय को कोई जवाब नहीं मिला है। वहीं, कोझिकोड, विजयवाड़ा, मदुरै और मैसूर ने अपना सर्वे भी पूरा कर लिया है।
उधर मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में स्थित सांची के लिए जिला अधिकारियों की ओर से बताया गया यहां कोई भी भिखारी नहीं है। ऐसे में मंत्रालय सांची की जगह किसी और जगह की पहचान जल्द कर सकती है।