भविष्य में लोगो की आवाज बुलंद करने का राष्ट्रीय लोक आंदोलन सबसे बड़ा स्वैछिक (गैर राजनितिक) संगठन होगा – हरियाणा संयोजक शमशेर सिंह ढांढा

कहा – राष्ट्रीय लोक आंदोलन के मुखिया अन्ना हज़ारे के मार्गदर्शन में होंगे ये काम

कहा – राष्ट्रीय लोक आंदोलन पंचायती राज का समर्थन व सम्पूर्ण सरकारी व्यवस्था को बदलना संगठन का मुख्य उद्देश्य

एस• के• मित्तल
जींद, राष्ट्रीय लोक आंदोलन के हरियाणा संयोजक शमशेर सिंह ढांडा ने बताया की उन्होंने हरियाणा व दिल्ली समेत कई राज्यों के लोगो ने रालेगण सिद्धि में 9 फरवरी से लेकर 13 फरवरी एक प्रशिक्षण शिविर लगाया जिसकी अध्यक्षता प्रमुख समाज सेवी अन्ना हज़ारे ने की। उनके मार्गदर्शन में संगठन को आगे बढ़ाने और समाज हित में काम करने का संकल्प लिया गया। इस शिविर में फैसला लिया गया की राष्ट्रीय लोक आंदोलन भविष्य में लोगो की आवाज का सबसे बड़ा स्वैछिक (गैर राजनितिक) संगठन होगा। इस संगठन के जरिए आम जनमानस की आवाज को बुलंद किया जाएगा। बात करते हुए शमशेर सिंह ढांडा ने बताया की तीन दिन तक चलाये गए इस प्रशिक्षण शिविर में इस बात पर मंथन किया गया की यह संगठन सभी जातियों और धर्मों के साथ काम करेगा और इसका इसका मुख्यालय महाराष्ट्र के रालेगण सिद्धि में होगा। हालांकि अलग अलग राज्यों में इसके प्रतिनिधि राष्ट्रीय लोक आंदोलन संगठन को मजबूत करने के लिए काम करते रहेंगे। साथ ही राज्य के अनुसार जो भी जिम्मेदार और समाज के विकास में आस्था रखते है ऐसे लोगो को जोड़ा जाएगा और भारत के बेहतर भविष्य के निर्माण के लिए कदम उठाया जाएगा। धीरे धीरे इस संगठन की नीव खंड स्तर तक मजूबत की जायेगी। भ्र्ष्टाचार के खिलाफ और व्यवस्था परिवर्तन के खिलाफ आवाज बुलंद की जायेगी और एक सभ्य समाज के निर्माण की नीव मजबूत करने की दिशा में कदम आगे बढ़ाया जाएगा।हरियाणा की कोर कमिटी में सरदार सुखदेव सिंह विर्क , बलबीर नरवाल ,सुनीता चौधरी , तक़दीर आर्य, पवन सैनी, मास्टर कंवर सिंह बिरोली शामिल है। इस दौरान राष्ट्रीय लोक आंदोलन की राष्ट्रीय संयोजक कल्पना इनामदार ने बताया की अन्ना हज़ारे जी की अगुवाई में बेहतर व्यवस्था और पारदर्शी व्यवस्था बनाने की दिशा में भारत के प्रत्येक राज्य में काम किया जाएगा। इस काम के लिए अन्ना हज़ारे ने आशीर्वाद देकर सकरात्मक दिशा में काम बढ़ाने का आह्वान किया है। अन्ना हज़ारे जी ने इस संगठन के सदस्यों को शुद्ध आचरण, शुद्ध विचार, निष्कलंक जीवन और बलिदान का गुण धारण करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा देश की बेहतरी के लिए जिम्मेदार नागरिको को आगे आना पड़ेगा और उसके लिए किसी भी सदस्य का आचरण शुद्ध होना अनिवार्य है। हम एक अच्छे आचरण से बेहतर माहौल देकर समाज की दशा और दिशा बदल सकते है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया की सरकारों के खिलाफ विपक्ष भी मजबूत होना चाहिए क्योंकि एक बेहतर विपक्ष जनता की आवाज को बुलंद कर सकता है। एक मजबूर विपक्ष सरकार पर हमेशा नजर बनाये रखता है और गलत नीतियों की खिलाफत करने में अहम भूमिका निभाता है। इस दौरान मुख्य रूप से अशोक पुणे, दत्ता जी, किसान नेता विट्ठल पवार ने बारीकी से अपने विचार रखे व् सामाजिक संगठन को मजबूत करने के लिए सुझाव दिए।

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इस दौरान हरियाणा में बर्खास्त किये गए 1983 पीटीआई अध्यापकों का एक प्रतिनिधिमंडल अन्ना हज़ारे से मिला और उनके पक्ष में आवाज बून्द करने की गुजारिश की और पीटीआई अध्यापको ने अन्ना हज़ारे से विनती की कि प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति से अपील कर उनकी बहाली करवाई जाए। इस प्रतिनिधिमंडल में जींद से पीटीआई महेंद्र सिंह लोहान, मास्टर कवर सिंह बिरोली, सुमन वाल्मीकि, रेनू काला, सुभाष आदि ने अन्ना हज़ारे को उनकी बहाली की मांग उठाने के लिए एक ज्ञापन भी सौपा | किसानो की आवाज उठाने के लिए सोनीपत से एक महिला रमेश आंतिल ने भी अन्ना हज़ारे से उनके पति के लिए जो किसान आंदोलन में शहीद हो गया था उनकी आवाज उठाने के लिए अपील की।

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