चंडीगढ़। हरियाणा में फर्जी खेल ग्रेडेशन सर्टिफिकेट के आधार पर नौकरी हथियाने वाले खिलाड़ियों की धरपकड़ के लिए खेल विभाग का पैंतरा कारगर होने लगा है। खेल निदेशालय के पास एक सप्ताह में फर्जी खेल ग्रेडेशन सर्टिफिकेट को लेकर 350 शिकायतें पहुंची हैं। खासकर हिसार, कुरुक्षेत्र, रोहतक, भिवानी, फतेहाबाद, सिरसा और महेंद्रगढ़ जिलों में शिकायतें ज्यादा हैं।
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खेल विभाग ने इन शिकायतों की जांच विजिलेंस ब्यूरो को सौंप दी है। संदिग्ध खेल ग्रेडेशन सर्टिफिकेट के आधार पर ग्रुप डी में नौकरी कर रहे जिन खिलाड़ियों के खिलाफ शिकायतें सही पाई गईं, उनके खिलाफ न केवल एफआइआर दर्ज की जाएगी, बल्कि उनकी नौकरी भी जाएगी।
दरअसल, वर्ष 2018 में हुई ग्रुप डी की भर्ती में खेल कोटे से लगे कई खिलाड़ियों द्वारा झूठे खेल प्रमाणपत्र बनवाने की शिकायतें खेल निदेशालय के पास पहुंची थी। इनकी हकीकत जानने के लिए खेल निदेशालय ने पिछले दिनों ग्रुप डी के तहत खेल ग्रेडेशन सर्टिफिकेट बनाकर नौकरी लेने वाले खिलाड़ियों की सूची विभाग की वेबसाइट पर अपलोड की थी।
हरियाणा के 18 जिलों के 900 खिलाड़ियों की सूची सार्वजनिक कर बकायदा अनुरोध किया गया था कि अगर किसी सर्टिफिकेट पर संदेह है तो विभाग को सूचित करें। साथ ही खिलाड़ियों को भी चेतावनी दी गई कि अगर किसी ने जाने-अनजाने में फर्जी खेल ग्रेडेशन सर्टिफिकेट बनवाया है तो तुरंत इसे रद करवा लें। अन्यथा एफआइआर होगी। इन्हें एक सप्ताह का मौका दिया है।
रोहतक में बने सर्वाधिक खेल ग्रेडेशन सर्टिफिकेट
खेल ग्रेडेशन सर्टिफिकेट पहले जिला स्तर पर ही बनाए जाते थे। 18 जिलों के जिन 900 खिलाड़ियों की सूची विभाग ने अपलोड की है, उनमें रोहतक के सर्वाधिक 190, सोनीपत के 97, कैथल के 92, सिरसा के 90, कुरुक्षेत्र के 78, करनाल के 58, महेंद्रगढ़ के 54 और चरखी दादरी के 51 खिलाड़ी शामिल हैं।
इसी तरह पानीपत में 48, झज्जर में 40, रेवाड़ी 23, फरीदाबाद 15, पलवल में 14, अंबाला में 11, गुरुग्राम, मेवात और यमुनानगर में 10-10 तथा पंचकूला में आठ खिलाड़ियों ने खेल ग्रेडेशन सर्टिफिकेट के आधार पर खेल कोटे से नौकरी हासिल की है।