हरियाणा: फिर आंदोलन की राह पर किसान, वादाखिलाफी का लगाया आरोप

 

भिवानी. एक साल से भी ज़्यादा समय तक तीन कृषि क़ानून रद्द करवाने के लिए आंदोलन करने वाले किसान अब सरकार की बेरुख़ी से ग़ुस्से में हैं. किसानों का आरोप है कि केन्द्र सरकार ने किसान आंदोलन स्थगित करवाते समय जो वादे किये, वो अभी तक पूरे नहीं हुये हैं. इसको लेकर आज हर ज़िला स्तर पर दो-दो घंटे का धरना देकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा ताकि किसानों की मांग को लेकर मुख्यमंत्री पीएम पर दबाव बनाएं.

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किसान नेता राजसिंह, जोगेन्द्र व बलजीत ने कहा कि किसानों में अपना आंदोलन ख़त्म नहीं किया था, बल्कि सरकार द्वारा तीनों कृषि क़ानून वापस लेने व अन्य मांग पूरे करने के आश्वासन स्थगित किया था. पर आज तक ना तो एमएससी पर कमेटी बनी, ना लखीमपुर खीरी घटना में न्याय मिला, ना केस वापसी हुए. बल्कि सरकार ने जो 2022 तक किसानों की आय दोगुना का वादा किया था उसके उलट सिर्फ़ किसान की खर्च दो गुणा कर दिया.

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किसान नेताओं ने चेतावनी दी कि सरकार ने उनकी मांग पूरी नहीं की तो इस बार पहले से भी बड़ा आंदोलन होगा और कृषि क़ानून की तरह अन्य मांग सरकार को पूरी करनी पड़ेगी. किसानों ने कहा कि सरकार पर वादाखिलाफी से एक बार फिर हम आंदोलन की राह पर हैं. इसको लेकर संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर हरियाणा व पंजाब में हर ज़िला स्तर पर दो-दो घंटे का धरना देकर नारेबाज़ी की गई.

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