हरियाणा के एक प्रेमी जोड़े की सुरक्षा का केस लड़ने वाले वकील सर्वेश कुमार गुप्ता को हरियाणा पुलिस कर्मियों द्वारा जोड़े का पता बताने के लिए 5 से 7 लाख रुपए की ऑफर दिया गया। यही नहीं वकील के नयागांव(मोहाली) स्थित घर पर भी पुलिस का धमकी। उनके घर और मोटल की चैकिंग की गई। उनकी पत्नी को मोबाइल फोन के इस्तेमाल से वंचित रखा गया।
वकील के साथ पुलिस की बदसलूकी CCTV कैमरा में रिकार्ड हो गई। इस घटना पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने चिंता जताई है। मामले में हरियाणा पुलिसकर्मियों के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए हरियाणा सरकार को जांच के आदेश दिए गए हैं।
7 सितंबर को केस की ताजा सुनवाई के दौरान बताया गया कि संबंधित पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभागीय जांच शुरु कर कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। वहीं मामले में पुलिस से प्राप्त जानकारी के आधार पर सरकारी वकील ने बताया कि संबंधित पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया है। मामले में हरियाणा पुलिस के SI मंजीत, ASI महेश और ASI नैंसी को सस्पेंड किया गया है। इन्हें पुलिस लाइन गुरुग्राम ट्रांसफर कर दिया गया है।
वहीं जांच पूरी करने के लिए हरियाणा सरकार ने 2 सप्ताह का समय मांगा। इससे पहले हाईकोर्ट ने पूर्व सुनवाई पर मामले में वकील द्वारा लगाए गए आरोपों पर कहा था कि इसकी जांच कमिश्नर ऑफ पुलिस, गुरुग्राम करें और एक सप्ताह में एफिडेविट दायर करें। इसके बाद मामले में कमिश्नर ऑफ पुलिस का एफिडेविट दायर किया गया।
हाईकोर्ट ने आदेशों में कहा है कि मामले की जांच उद्देश्यपूर्ण होनी चाहिए और कानून के तहत होनी चाहिए। इसमें सभी प्रभावित पक्षों को मौका मिलना चाहिए। इस कार्रवाई के लिए 2 की जगह 4 सप्ताह का समय दिया जाता है। 12 अक्तूबर को मामले में अगली सुनवाई होगी।
वकील की ड्यूटी में रुकावट पैदा करने का प्रयास किया
मामले में कोर्ट को सहयोग कर रहे सीनियर एडवोकेट अनुपम गुप्ता ने कहा कि कारण बताओ नोटिस की भाषा खुद सुनिश्चित करती है कि प्रारंभिक स्तर पर जांच के दायरे पर रोक लगाई गई है। वहीं दलील दी गई कि मामले में कानूनी प्रक्रिया का सिर्फ उल्लंघन ही नहीं की गई बल्कि वकील को उसकी कोर्ट और क्लाइंट के प्रति ड्यूटी और जिम्मेदारी का निर्वाहन करने में रुकावट पैदा की गई।
गुरुग्राम पुलिस से जुड़ा है मामला
हरियाणा सरकार व अन्यों को पार्टी बनाते हुए याचिका पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में प्रेमी जोड़े ने याचिका दायर की थी। जोड़े द्वारा मामले में हरियाणा पुलिस को उनकी सुरक्षा संबंधी आदेश जारी किए जाने की मांग की गई थी। जोड़े ने परिवार की मर्जी के खिलाफ शादी की थी। 21 अगस्त को याचिका दायर की गई थी और 25 अगस्त को मामले की सुनवाई हुई थी।
इससे पहले 23 अगस्त को हरियाणा पुलिस के कर्मी एक अन्य व्यक्ति के साथ याची के वकील के पास हाईकोर्ट में मिलने आए। याची जोड़े की जानकारी बताने के लिए 5 से 7 लाख रुपए भी ऑफर किए गए थे। इसके बाद हरियाणा पुलिस कर्मी याची के वकील के नयागांव(मोहाली) स्थित घर पहुंच गए। CCTV फुटेज में सारी घटना कैद हो गई थी। 25 अगस्त को केस की सुनवाई टल गई।
यह आरोप लगाए वकील ने
याची के वकील ने इस बीच पुलिस के कृत्य को लेकर CCTV की कंपैक्ट डिस्क(CD) अटैच करते हुए एक याचिका दायर की। वकील ने कहा कि प्रेमी जोड़े(याची पक्ष) का पता लगाने के लिए उनकी पत्नी को भी नहीं बख्शा गया। वह अपना मोबाइल फोन भी इस्तेमाल नहीं कर पाई। वकील का घर और मोटल सर्च किया गया।
प्रेमी जोड़े की सुरक्षा पर SSP को आदेश जारी
हाईकोर्ट में प्रेमी जोड़े की सुरक्षा मामले में सुनवाई के दौरान हरियाणा सरकार के वकील ने कहा कि याची जोड़ा दिए गए पते पर नहीं है और उनका मोबाइल नंबर भी स्विच ऑफ आ रहे हैं। हाईकोर्ट जस्टिस अवनीश झिंगन की बैंच ने मामले में चंडीगढ़ पुलिस के SSP कुलदीप सिंह चहल को आदेश जारी किए हैं। इनमें कहा गया है कि यदि याची पक्ष उनके पास खतरे की संभावना को लेकर सुरक्षा संबंधी मांग करता है तो उसे चंडीगढ़ में सेफ हाउस में रखा जाए। वहीं केस की अगली सुनवाई तक अगर ज़रुरत पड़े तो याची पक्ष को अतिरिक्त सुरक्षा मुहैया करवाई जाए।
वहीं अगर प्रेमी जोड़े को खतरा प्रतीत होता है तो उन्हें फिजिकली पुलिस के पास जाने की ज़रुरत नहीं है। इससे पहले 29 अगस्त को हरियाणा सरकार को नोटिस जारी किया था। सरकार ने जवाब के लिए समय मांगा था। इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि इस दौरान DSP रैंक तक का अफसर याची पक्ष (प्रेमी जोड़े) के बयान दर्ज करेगा। वहीं अगर याची पक्ष मांग करता है तो उसे सेफ हाऊस में शैल्टर प्रदान करनी होगी।
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