भूमि के लिए संजीवनी का काम करता है ढैंचा : डीसी डॉ. मनोज कुमार
एस• के• मित्तल
जीन्द, डीसी डॉ. मनोज कुमार ने बताया कि कृषि एवं किसान कल्याण विभाग हरियाणा द्वारा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन एवं फसल विविधीकरण योजना के तहत प्रदेश में हरी खाद को बढ़ावा देने के लिए ढैंचा बीज पर 80 प्रतिशत अनुदान पर देने का प्रावधान किया गया है। इस स्कीम का लाभ उठाने के लिए किसान को कृषि विभाग की वेबसाइट एग्रीहरियाणाडॉटजीओवीडाटईन लिंकडविद एमएफएमबी पोर्टल पर पंजीकरण करवाना होगा।
जीन्द, डीसी डॉ. मनोज कुमार ने बताया कि कृषि एवं किसान कल्याण विभाग हरियाणा द्वारा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन एवं फसल विविधीकरण योजना के तहत प्रदेश में हरी खाद को बढ़ावा देने के लिए ढैंचा बीज पर 80 प्रतिशत अनुदान पर देने का प्रावधान किया गया है। इस स्कीम का लाभ उठाने के लिए किसान को कृषि विभाग की वेबसाइट एग्रीहरियाणाडॉटजीओवीडाटईन लिंकडविद एमएफएमबी पोर्टल पर पंजीकरण करवाना होगा।
डीसी ने बताया कि हरी खाद सबसे अच्छा, सरल, कम लागत वाला खाद है जिसके माध्यम से भूमि को उपजाऊ बनाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि किसान ढैंचा बीज प्राप्त करने के लिए चार अप्रैल तक पंजीकरण करवा सकते हैं। किसान को अनुदानित बीज खरीदते समय अपना आधार कार्ड, वोटर कार्ड, किसान कार्ड दिखाना होगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि एक किसान कम से कम एक एकड़ व अधिकतम दस एकड़ के लिए पंजीकरण करवा सकता है। उन्होंने बताया कि इस बारे में अधिक जानकारी के लिए किसान अपने नजदीकी कृषि विकास अधिकारी या नजदीकी कृषि कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं।
हरी खाद से किसानों को होंगे ये लाभ
डीसी ने बताया कि ढैंचा फसल को हरी खाद के रूप में प्रयोग करने से मृदा के स्वास्थ्य में जैविक, रासायनिक तथा भौतिक सुधार होते है व जलधारण क्षमता बढ़ती है। ढैंचा की पलटाई कर खेत में सड़ाने से नाइट्रोजन, पोटाश, गंधक, कैल्शियम, मैग्नीशियम, जस्ता, तांबा, लोहा आदि तमाम प्रकार के पोषक तत्व प्राप्त होते हैं। मृदा की कम होती उर्वरा शक्ति बढ़ेगी तथा आने वाली फसलों का उत्पादन भी बढ़ेगा। फसल विविधीकरण को बढ़ावा देने हेतु किसानों को गांव स्तर पर कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा ढैंचे की बिजाई करने हेतु पूर्ण जानकारी दी जाएगी।
डीसी ने बताया कि ढैंचा फसल को हरी खाद के रूप में प्रयोग करने से मृदा के स्वास्थ्य में जैविक, रासायनिक तथा भौतिक सुधार होते है व जलधारण क्षमता बढ़ती है। ढैंचा की पलटाई कर खेत में सड़ाने से नाइट्रोजन, पोटाश, गंधक, कैल्शियम, मैग्नीशियम, जस्ता, तांबा, लोहा आदि तमाम प्रकार के पोषक तत्व प्राप्त होते हैं। मृदा की कम होती उर्वरा शक्ति बढ़ेगी तथा आने वाली फसलों का उत्पादन भी बढ़ेगा। फसल विविधीकरण को बढ़ावा देने हेतु किसानों को गांव स्तर पर कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा ढैंचे की बिजाई करने हेतु पूर्ण जानकारी दी जाएगी।