एस• के• मित्तल
सफीदों, सफीदों क्षेत्र में वीरवार को ईद-उल-अजहा का त्यौहार धूमधाम से मनाया गया। इस पवित्र मौके पर नगर की मदनी मदरसा ईदगाह में क्षेत्रभर से सैंकड़ों की तादाद में मुस्लिम एकत्रित हुए और नमाजे-ए-ईद अता करके समाज में भाईचारे व सुख-शांति की दुआ की गई। नमाज के उपरांत सभी लोग आपस में गले मिले और ईद की बधाई दी। इस मौके पर मदरसे के मौलाना मुमताज ने लोगों को नमाज अता करवाई।
सफीदों, सफीदों क्षेत्र में वीरवार को ईद-उल-अजहा का त्यौहार धूमधाम से मनाया गया। इस पवित्र मौके पर नगर की मदनी मदरसा ईदगाह में क्षेत्रभर से सैंकड़ों की तादाद में मुस्लिम एकत्रित हुए और नमाजे-ए-ईद अता करके समाज में भाईचारे व सुख-शांति की दुआ की गई। नमाज के उपरांत सभी लोग आपस में गले मिले और ईद की बधाई दी। इस मौके पर मदरसे के मौलाना मुमताज ने लोगों को नमाज अता करवाई।
इस आयोजन में मुस्लिम राष्ट्रीय मंच हरियाणा के प्रदेश संयोजक एवं हरियाणा हज कमेटी के पूर्व सदस्य अकबर खान राणा व मदरसे के अध्यक्ष वेदप्रकाश ने विशेष रूप से शिरकत की। अपने संबोधन में अकबर खान राणा ने कहा कि खुदा ने इंसानी दीमाग में ही अन्य जीवों से अलग बुद्धि या यूं कहें कि सॉफ्टवेयर डाला है। जिसमें करुणा, दया, गुस्सा और प्यार आदि भावों को इनस्टॉल कर दिया गया है। अक्लमंद इंसान की सुंदर सोच में यही भाव रहता है कि बेवजह हमें किसी व्यक्ति या अन्य जीवों को किसी प्रकार का कष्ट नहीं पहुंचाना चाहिए। बल्कि चोटिल मन और तन को राहत पहुंचाने का भरसक प्रयास किया जाना चाहिए।
अगर उस अल्लाताला की दी हुई आला अक्ल का इस्तेमाल करके विचार करें तो उस मालिक की बनाई हुई मख़लूक़ात यानी जीवों पर जुल्मोसितम करके सवाब या पूण्य का होना नामुमकिन लगता है। तो आइये इस ईद पर प्रण लें कि हम किसी को भी किसी भी प्रकार का दुख नहीं देंगे बल्कि अल्लाह के श्रेष्ठतम जीव (इंसान) होने के नाते सभी जीवों की रक्षा का जिम्मा लेंगे। बकर यानी गाय और बकरीद यानी गाय की ईद पर गाय के पालन और पोषण का अहद करेंगे।
Follow us on Google News:-