पिहोवा(कुरुक्षेत्र)। कुरुक्षेत्र के पिहोवा में संजोत ने बचपन में ही अपनी मां को खो दिया था। इस गम में पिता भी मानसिक रूप से परेशान रहने लगा। उसकी बुआ शरणदीप कौर ने उसको पालकर बड़ा किया। वह भी विदेश जाकर अपने पिता और बुआ के सपनों को पूरा करना चाहता था। बुआ ने उसको अमेरिका भेजने के लिए अपनी जमा पूंजी लगा दी, लेकिन एजेंटों के दो नंबर के रास्ते पर भेजने से संजोत अमेरिका नहीं पहुंच पाया और उसने मजबूर होकर तंजानिया देश के एक होटल में फंदा लगा लिया।
छह महीने पहले भरी थी सपनों की उड़ान
पिहोवा की शास्त्री निवासी बुआ शरणदीप कौर ने पुलिस को बताया कि उसका भतीजा संजाेत विदेश जाना चाहता था। उसको अमेरिका भेजने के लिए एजेंट राजपाल कश्यप से छह महीने पहले बात की थी। राजपाल ने उसके भतीजे को उसी समय केन्या भेज दिया। इसके तीन महीने बाद राजपाल ने उसको अमेरिका न भेज पाने की बात कही। उन्होंने एजेंट संजय सैनी निवासी बरनाला से बात की। उसने संजोत सिंह को अमेरिका भेजने का भरोसा दिया। 30 मार्च को संजय सैनी ने संजोत को केन्या से तंजानिया भेज दिया। 11 अप्रैल को संजय सैनी ने भी मना कर दिया।
उनके पास 12 अप्रैल की शाम को तंजानिया से फोन पर सूचना मिली कि संजोत ने होटल में आत्महत्या कर ली है। उसने आरोप लगाया कि उसके भतीजे ने एजेंटों के कारण आत्महत्या की है। थाना शहर पिहोवा पुलिस ने इसमें दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया था। थाना पुलिस ने बताया कि आरोपितों की धरपकड़ की जा रही है।