एस• के• मित्तल
जींद, स्वास्थ्य विभाग द्वारा सिविल सर्जन जीन्द की अध्यक्षता में जिले मे एक जून से 30 जून तक सघन मुख एवं दन्त स्वास्थ्य जागरूकता अभियान मनाया जा रहा है। जिसके तहत जिले में आमजन को मुख एवं दांतों के स्वास्थ्य के प्रति निरन्तर जागरूक किया जा रहा है।
इस अवसर पर सिविल सर्जन ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि आप अपना कार्य समय पर पूरा करे। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम टीम को आंगनवाडी व स्कूलों में बच्चों के दांतों व पूर्ण स्वास्थ्य जांच करके उनका नागरिक हस्पताल जीन्द व नजदीकी संस्थाओं में ईलाज के लिए रैफर करें। राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के सभी काउंसलर ओरल हैल्थ पखवाडे के तहत सभी स्कूली छात्रों व आमजन को जा-रूक करें।
उप-सिविल सर्जन(दन्तक) डॉ० रमेश पांचाल ने दांतों व मुंह की बीमारियों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने मुख एवं दांतो की स्वच्छता तथा स्वास्थ्य के बारे एक डैमों के माध्यम से ब्रुश करने के सही तरीके के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि दांतों को स्वच्छ एवं स्वस्थ रखने के लिए पौष्टिक भोजन जैसे कि दही, दालें, फल, हरी सब्जियों का अत्याधिक प्रयोग करें। दांतों पर चिपकन वाली चीजें टॉफी, चाकलेट, मिठाई आदि का सेवन न करें। रेशे युक्त पदार्थों का सेवन करें। दिन में दो बार सुबह एवं रात्रि सोने से पहले ब्रश अवश्य करें।
नशे के उत्पाद तम्बाकू, सिगरेट, बीडी, शराब, गुटखा, पान,सुपारी, जर्दा, खैनी आदि का सेवन न करें। टूथब्रुश प्रत्येक तीन महीने में अथवा इसके रेशे मुड़ जाए तो अवश्य बदल दें। किसी भी प्रकार की दांतों के समस्या होने पर अपने नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र में दन्त चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें। स्कूली बच्चों तथा आमजन को दांतों व मुंह की बीमारी से बचने के लिए सुबह शाम ब्रुश करना चाहिए। उन्होंने बताया कि दांत दो प्रकार के होते हैं प्राईमरी एवं परमानैन्ट। प्राईमरी दांत जिनको दूध के दांत भी कहा जाता है उनकी भी देखभाल उतनी ही जरूरी है जितनी कि परमानैन्ट दांतों की। यदि दूध के दांत स्वस्थ रहते हैं तथा समय पर गिरते हैं तो नए परमानैन्ट दांत स्वस्थ व मजबूत होंंगें। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य केन्द्र के तहत आंगनवाडी में आने वाली महिलाओं को जागरूक करना चाहिए कि छोटे बच्चों को बोतल से दूध न पिलाएं, ऐसा करने से बच्चों के दूध के दांत खराब हो सकते हैं। यदि बार-बार मुंह के छाले हों तो चिकित्सक से संपर्क करें। क्योंकि बार बार छाले प्री स्टेज कैंसर का कारण बन सकते हैं। दांतों के नुकीले होने के कारण बार बार छाले हो तो दांतों को घिसावाएं ताकि बार बार होने वाले छाले या जख्म से बचा जा सके।
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किसी भी तरह के फल (आम, चीकू, सेब आदि) को बगैर धोऐ न खाएं क्योंकि इन पर मसाले लगे होते हैं जिनके कारण मुंह में छाले हो सकते हैं। गर्भवती महिलाओं तथा जच्चा को पौष्टिक आहार लेना चाहिए तथा जच्चा को भी प्रसव उपरान्त ब्रुश अवश्य करना चाहिए ताकि किसी भी प्रकार के दांतों व मसूढों के संक्रमण व रोगों से बचा जा सके। किसी भी प्रकार के हुक्के बीडी तम्बाकू व अन्य नशे से बचे। क्योंकि तम्बाकू के कारण मुंह, गले, फेफडे व अन्य कैंसर होते हैं। अत: किसी भी प्रकार की दांतों व मुंह से संबंधित समस्या हो तो तुरन्त नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र पर संपर्क करें। ओरल हैल्थ पखवाडे के तहत नागरिक हस्पताल जीन्द के लेबर रूम व गायनी वार्ड में उपस्थित महिलाओं को डॉ० नीतू (वरिष्ठ दन्तक सर्जन), डॉ० पूनम लौहान, दन्तक सर्जन व डॉ० विशाल पोरस (दन्तक सर्जन) ने पौष्टिक आहार के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी तथा साथ ही उन्होंने उपस्थित महिलाओं को बताया कि नियमित रूप से दांतों व मुंह की साफ-सफाई रखें, सुबह-शाम ब्रुश अवश्य करें।
इसी संदर्भ में नागरिक हस्पताल जीन्द में चौधरी विरेन्द्र सिंह नर्सिंग कॉलिज की छात्राओं व ट्युटर को ओरल हैल्थ पखवाडे की ट्रेनिंग दी। जिसमें उप-सिविल सर्जन(दन्तक) डॉ० रमेश पांचाल ने दांतों व मुंह की बीमारियों के बारे में एक डैमो द्वारा विस्तृत जानकारी दी। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि आप आमजन को दांतों की बीमारियों के बारे में जागरूक करें तथा उनको बताएं कि दांतों को दो बार ब्रुश अवश्य करें यदि दांतों की बीमारी – पायरिया, मसूढों संबंधी समस्या, ठण्डा गर्म लगना, मुंह को बंद करने या खोलने में दर्द होना, बार बार मुंह में छाले होना, आदि समस्या हो तो तुरन्त नजदीकी दन्त चिकित्सक से परामर्श अवश्य लें। उन्होंने बताया कि डायबटिज, हार्ट पेसैंट कैसे अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें। हरियाणा सरकार द्वारा एक जून से 30 जून तक मुख एवं दन्त स्वास्थ्य जागरूकता अभियान/ओरल हैल्थ पखवाडे का आयोजन किया जा रहा है।