मुंबई1 मिनट पहले
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यह फुटेज पूर्व सांसद संजय निरुपम के सामने का है। इसमें मुंबई यूथ ने
संजय निरुपम के घर के सामने मुंबई यूथ कांग्रेस ने ‘धन्यवाद AICC’ का बोर्ड लगाया है। इसमें लिखा गया है कि अनुशासनहीन संजय निरुपम को निलंबित करने के लिए कांग्रेस पार्टी का धन्यवाद।
दरअसल, बुधवार रात कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी बयानों की शिकायतों के बाद निरुपम को 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित करने की मंजूरी दी थी।
हालांकि, संजय निरुपम ने गुरुवार सुबह दावा किया था कि उन्होंने पहले पार्टी से इस्तीफा दिया था। इसके बाद उन्हें पार्टी से निकाला गया। निरुपम ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इस्तीफे की तस्वीर शेयर की। उन्होंने लिखा- ऐसा लगता है कि मेरा इस्तीफा मिलते ही पार्टी ने मुझे निकाले जाने का ऐलान करने का फैसला लिया। ऐसी फुर्ती देखकर अच्छा लगा।
संजय का दावा- कांग्रेस ने मुझे निकाला नहीं खुद ही निकला
निरुपम ने इस्तीफे की तस्वीर X पर शेयर की। इसमें दिख रहा है कि निरुपम ने रात 10.40 बजे खड़गे को इस्तीफा भेजा था।
संजय निरुपम बोले- कांग्रेस में 5 पावर सेंटर
संजय निरुपम ने गुरुवार (4 अप्रैल) को कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में पांच अलग-अलग पावर सेंटर हैं। सोनिया, राहुल, बहनजी, नए अध्यक्ष खड़गे और वेणुगोपाल। कांग्रेस में वैचारिक द्वंद्व चल रहा है, इससे कार्यकर्ताओं में निराशा है।
निरुपम ने कहा कि राहुल गांधी के आसपास जो लेफ्टिस्ट हैं, वे आस्था में विश्वास नहीं करते। अकेले कांग्रेस ने रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के निमंत्रण के जवाब में चिट्ठी लिखी कि ये भाजपा का प्रचार है। उन्होंने राम के अस्तित्व को ही नकार दिया।
3 अप्रैल की रात खड़गे ने अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी बयानों की शिकायतों के बाद निरुपम को 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित करने की मंजूरी दी थी।
संजय ने कहा- पार्टी बिखरी हुई है
कांग्रेस में पांच अलग-अलग पावर सेंटर हैं। पांचों की अपनी लॉबी है, जो आपस में टकराती रहती है। यह सब अपने प्रकार से राजनीति कर रहे हैं।
कांग्रेस पार्टी पूरी तरह से बिखरी हुई पार्टी है और पार्टी के नेताओं ने भी कहा है कि इसकी विचारधारा दिशाहीन है। आने वाले वक्त में काफी कुछ खत्म हो जाएगा।
कांग्रेस कहती है कि वो सेक्युलर पार्टी है। इसमें कुछ गलत नहीं। गांधीजी के सेक्युलरिज्म में किसी धर्म का विरोध नहीं था। नेहरूजी के सेकुलरिज्म में ये सही, ये गलत वाली बात थी, लेकिन आज नेहरू के सेक्युलरिज्म की विचारधारा खत्म हो गई है। इसे मानने के लिए कांग्रेस तैयार नहीं है। इस विचारधारा को लेकर सबसे तेजी से लेफ्टिस्ट चल रहे हैं। वे खुद खत्म हो चुके हैं।
मुंबई नॉर्थ-वेस्ट सीट से टिकट न मिलने से नाराज हैं निरुपम
मुंबई कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष संजय निरुपम मुंबई नॉर्थ-वेस्ट सीट से टिकट न मिलने से कांग्रेस से नाराज थे। महाराष्ट्र में कांग्रेस, शिवसेना उद्धव और NCP शरद पवार MVA गठबंधन में है। 27 मार्च को शिवसेना उद्धव गुट ने 17 कैंडिडेट्स का ऐलान किया था। निरुपम की पसंद वाली सीट से अमोल कीर्तिकर के नाम का ऐलान कर दिया गया। जबकि खुद राहुल गांधी ने निरुपम को यहां से टिकट मिलने का भरोसा दिया था।
स्टार प्रचारकों की लिस्ट से हटाया, तो कहा- पार्टी अपनी ऊर्जा खर्च न करे
इससे पहले बुधवार को हाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने संजय निरुपम को राज्य के स्टार प्रचारकों की लिस्ट से हटा दिया था। उन्होंने संजय को पार्टी से निष्कासित करने का प्रस्ताव भी पार्टी अध्यक्ष खड़गे को भेजा था।
इस पर संजय ने बुधवार को पोस्ट किया था- पार्टी अपनी बची-खुची ऊर्जा और स्टेशनरी का इस्तेमाल पार्टी को बचाने के लिए करे। वैसे भी पार्टी भीषण आर्थिक संकट के दौर से गुजर रही है। मैंने जो एक हफ्ते की अवधि दी थी, वह आज (बुधवार) पूरी हो गई है। कल (गुरुवार को) मैं खुद फैसला ले लूंगा।
महाराष्ट्र कांग्रेस ने बुधवार को संजय निरुपम को स्टार प्रचारकों की लिस्ट से बाहर कर दिया था, जिसके बाद उन्होंने यह पोस्ट की थी।
- मुंबई साउथ-सेंट्रल से टिकट चाहती थीं कांग्रेस की वर्षा गायकवाड उद्धव ठाकरे के करीबी राज्यसभा सदस्य अनिल देसाई को मुंबई साउथ-सेंट्रल से टिकट दिया गया है। यहां से मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष वर्षा गायकवाड चुनाव लड़ना चाहती थीं। ये सीट तब चर्चा में आई थी, जब वर्षा के पिता स्वर्गीय एकनाथ गायकवाड ने तत्कालीन लोकसभा स्पीकर मनोहर जोशी को हराया था।
- सांगली से कांग्रेस विश्वजीत कदम को उतारना चाहती थी सांगली से कांग्रेस विश्वजीत कदम को खड़ा करना चाहती थी। उद्धव गुट ने यहां चंद्रहार पाटिल को टिकट दे दिया है। इसके बाद कांग्रेस के नाराज नेता सोनिया गांधी से मिलने दिल्ली पहुंच गए हैं। अंबेडकर की वंचित बहुजन अघाड़ी सांगली सीट से OBC बहुजन पार्टी के प्रकाश अन्ना शेंडगे को मैदान में उतारेगी, जिससे कांग्रेस और शिवसेना (UBT) दोनों के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
- संभाजी नगर सीट पर उद्धव गुट के भीतर ही नाराजगी संभाजी नगर से विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष अंबादास दानवे चुनाव लड़ना चाहते थे। यहां चंद्रकांत खैरे को टिकट मिलने से दानवे भी नाराज हैं। हालांकि, उन्होंने कहा है कि वे पार्टी के लिए काम करते रहेंगे। उन्होंने शिवसेना (उद्धव गुट) छोड़ने की बात को खारिज कर दिया।
महाराष्ट्र कांग्रेस के वे बड़े नेता जिन्होंने छोड़ी पार्टी (जनवरी 2024 से अब तक)
मिलिंद देवड़ा शिवसेना शिंदे गुट में आए (14 जनवरी)
राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा शुरू होने से कुछ घंटे पहले 14 जनवरी को मिलिंद देवड़ा ने शिवसेना (शिंदे गुट) जॉइन कर ली। मिलिंद, दिग्गज कांग्रेसी नेता रहे मुरली देवड़ा के बेटे हैं। मिलिंद ने इस्तीफे की जानकारी सोशल मीडिया पर दी थी।
उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा- आज मेरे राजनीतिक सफर का एक महत्वपूर्ण अध्याय खत्म हुआ। मैंने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। इसी के साथ पार्टी के साथ मेरे परिवार का 55 साल पुराना रिश्ता खत्म हो गया।
मिलिंद देवड़ा के पार्टी छोड़ने पर कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा कि इस्तीफे की टाइमिंग PM मोदी ने तय की है। उनके पिता मुरली देवड़ा कांग्रेस के बड़े नेता थे। उनकी दोस्ती सभी पार्टियों से थी, लेकिन वे कांग्रेस के अटल और दृढ़ नेता थे। पूरी खबर पढ़ें
बाबा सिद्दीकी कांग्रेस छोड़कर NCP में गए (10 फरवरी)
महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा जियाउद्दीन सिद्दीकी 10 फरवरी को अजित पवार की नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (NCP) में शामिल हो गए। सिद्दीकी ने मुंबई में डिप्टी CM अजित पवार और NCP के कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल सहित दूसरे नेताओं की मौजूदगी में पार्टी जॉइन की। उन्होंने 8 फरवरी को कांग्रेस से इस्तीफा दिया था।NCP की सदस्यता लेने के बाद बाबा सिद्दीकी ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा- कांग्रेस में मुझे करी पत्ते की तरह इस्तेमाल किया गया, जिसका काम सिर्फ स्वाद बढ़ाना होता है। जब आपकी बात न सुनी जाए तो आप किनारा कर ही लेते हैं। पूरी खबर पढ़ें
महाराष्ट्र के पूर्व CM अशोक चव्हाण ने कांग्रेस छोड़ी (12 फरवरी)
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने 12 फरवरी को कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने विधायक पद भी छोड़ा था। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को इस्तीफा सौंपा था। अशोक चव्हाण के इस्तीफे के बाद महाराष्ट्र के एक अन्य कांग्रेस नेता अमरनाथ राजुरकर ने भी इस्तीफा दे दिया था।
अशोक चव्हाण ने कहा था- मैंने अभी कोई पार्टी जॉइन नहीं की है। कल शाम से मैंने खुद को पार्टी से अलग कर लिया था। मेरी कांग्रेस के किसी विधायक से बात नहीं हुई है। किसी भी पार्टी से मैंने कोई भी डिस्कशन नहीं किया है। पार्टी छोड़ने का मेरा खुद का फैसला है। मेरी किसी से कोई शिकायत नहीं है। पूरी खबर पढ़ें
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