विदेश मंत्री जयशंकर बोले- राजनीति का रुख तीखा होता है: कूटनीति का अलग; परेशानियों के बाद भी पड़ोसी देशों को एक-दूसरे की जरूरत

 

IIM मुंबई में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने स्टूडेंट्स के सवालों का जवाब दिया। इस दौरान मालदीव, चीन सहित अन्य वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की।

देश के विदेश मंत्री एस जयशंकर मंगलवार (30 जनवरी) को IIM मुंबई पहुंचे। यहां स्टूडेंट्स से विदेश मंत्री से मालदीव के साथ बने तनावपूर्ण संबंध पर सवाल पूछा।

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जिसके जवाब में जयशंकर ने कहा कि हर देश के पड़ोस में समस्याएं हैं, लेकिन पड़ोसियों को एक-दूसरे की जरूरत होती है। इतिहास और भूगोल बहुत शक्तिशाली ताकतें हैं। इससे कोई बच नहीं सकता।

मालदीव के इंडिया आउट अभियान पर विदेश मंत्री ने कहा कि राजनीति का रुख तीखा होता है, लेकिन कूटनीति हमेशा तीखे रुख से नहीं की जाती। भारतीय कूटनीति पर भरोसा रखिए।

उन्होंने आगे कहा कि यह बात मान लेनी चाहिए कि चीन हमारे पड़ोसियों को प्रभावित करेगा। भारत को इस कॉम्पिटिशन वाली राजनीति से डरना नहीं चाहिए। चीन के बढ़ते प्रभाव पर यदि यह कहा जाता है कि ये भारतीय कूटनीति की विफलता है तो गलत है।

वैश्विक राजनीति एक खेल
मुझे लगता है कि वैश्विक राजनीति एक खेल है। आप अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करें, मैं अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करूंगा। उन्होंने कहा कि चीन एक प्रमुख अर्थव्यवस्था है। वह संसाधनों के जरिए चीजों को अपने तरीके से आकार देने की कोशिश करेगा। हमें यह शिकायत नहीं करनी चाहिए कि चीन ऐसा क्यों कर रहा है।

हमें जिम्मेदार देश नहीं माना जाएगा
उन्होंने कहा कि यदि अगर हमारे पड़ोस में बुरी चीजें हो रही हैं और हम कहते हैं कि मेरा इससे कोई लेना-देना नहीं है तो हमें जिम्मेदार देश नहीं माना जाएगा। जब आप परेशानी में होंगे तो पड़ोस भी यही कहेगा।

विदेश मंत्री ने कहा कि जब श्रीलंका गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा था, उस वक्त भारत ने उसकी मदद की। यह भारत का ट्रैक रिकॉर्ड है। हमें राजनीतिक कॉम्पिटिशन से डरने की जरूरत नहीं है। भारत में बहुत क्षमता है।
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जयशंकर बोले- देश का रुतबा बढ़ा, कोई भी बड़ा मसला हमारी सलाह-मशविरा के बिना तय नहीं होता

विदेश मंत्री एस जयशंकर का कहना है कि पिछले कुछ सालों में भारत को लेकर दुनिया का नजरिया बदला है। उन्होंने नागपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा- दुनिया में हमारा रुतबा बढ़ा है। कोई भी बड़ा मसला भारत से सलाह-मशविरा किए बिना तय नहीं होता।

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