नई दिल्ली44 मिनट पहले
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लोकसभा चुनाव 2024 (18वां) देश और दुनिया का सबसे महंगा चुनाव बनने की राह पर है अनुमान के मुताबिक, इस बार 1.2 लाख करोड़ रुपए से अधिक खर्च हो सकते हैं।
देश में सियासी खर्च पर नजर रखने वाले सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज (CMS) के अनुसार, अमेरिका में 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में करीब 1.2 लाख करोड़ रुपए खर्च हुए थे।
इस लिहाज से ये दुनिया के सबसे महंगे चुनाव होने जा रहे हैं। साल 2019 के आम चुनाव में घोषित-अघोषित मिलाकर 60 हजार करोड़ रुपए खर्च हुए थे। यानी इस बार दोगुना खर्च होगा।
हैरान करने वाली बात यह है कि निर्वाचन आयोग ने एक प्रत्याशी के लिए अधिकतम 95 लाख रुपए खर्च सीमा तय की है। जबकि एक प्रत्याशी के 20 दिन के प्रचार का औसत खर्च करीब 6 करोड़ होता है। यानी बाकी पैसा सियासी दल या अज्ञात स्रोत से खर्च होता है।
विज्ञापन और प्रचार पर सबसे ज्यादा खर्च
पार्टियों के सालाना ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार, 2015-2020 के दौरान भाजपा ने 2000 करोड़ रुपए प्रचार पर खर्च किए। यह पार्टी के कुल चुनाव खर्च का 54.87% था। कांग्रेस ने 560 करोड़ रुपए (40.08%) खर्च किए। भाजपा का यात्रा खर्च 15.29% और प्रत्याशियों को वित्तीय मदद 11.25% रही। करीब 260 (7.2%) करोड़ रुपए मोर्चा, रैली और आंदोलनों पर खर्च किए गए। वहीं, कांग्रेस ने 250 करोड़ रुपए (17.47%) यात्राओं पर खर्च किए।
विमान और हेलिकॉप्टर पर भी बढ़ेगा खर्च
विशेष विमानों और हेलिकॉप्टर की मांग में पिछले चुनाव के मुकाबले 40% बढ़ोतरी की संभावना है। विशेष विमान का किराया 4.5 लाख से 5.25 लाख रु./घंटे हो सकता है। हेलिकॉप्टर के लिए यह 1.5 लाख रु./घंटे होगा। 2019-20 के ऑडिट के अनुसार, सत्तारूढ़ भाजपा ने इन पर 250 करोड़ रु. से अधिक खर्च किए थे।
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