सोशल वर्कर सोनम वांगचुक लद्दाख को पूर्ण राज्य दर्जे की मांग को लेकर आमरण अनशन कर सकते हैं।
लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा और संवैधानिक सुरक्षा दिए जाने की मांग को लेकर इस महीने लेह में दो दिन लगातार प्रदर्शन हुए थे। लद्दाख के सोशल वर्कर सोनम वांगचुक ने मंगलवार को कहा कि वे इन मांगों के समर्थन में अनशन करने पर अगले हफ्ते फैसला करेंगे।
वांगचुक आज से अनशन करने वाले थे, लेकिन 19 फरवरी को केंद्र सरकार के साथ बातचीत के बाद वे अब नतीजों के इंतजार में हैं। वांगचुक ने कहा कि वे केंद्र सरकार के फैसले का इंतजार कर रहे हैं। 26 फरवरी को हमने लेह में सभा बुलाई है। हम यहां या तो केंद्र सरकार को धन्यवाद देंगे या फिर आमरण अनशन शुरू करेंगे।
24 फरवरी को फिर बैठक होगी
मांगों को लेकर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय की अध्यक्षता में हाई पॉवर्ड कमेटी, एपेक्स बॉडी ऑफ लेह (ABL) और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (KDA) के 14 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के बीच बैठक हुई थी। इसमें मांगों पर आगे की बातचीत के लिए एक कमेटी बनाने का फैसला किया गया है। 24 फरवरी को इस कमेटी की बैठक होगी।
2019 में केंद्र शासित प्रदेश बना लद्दाख
लद्दाख में कई संगठनों ने दशकों से इस क्षेत्र के लिए एक अलग केंद्र शासित प्रदेश की मांग की थी, जो 5 अगस्त 2019 को पूरी हो गई। जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 5 अगस्त, 2019 को निरस्त कर दिया। इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बना दिया।
लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग:ठंड में हजारों लोग सड़कों पर उतरे, कहा- लेह-कारगिल को संसद में अलग-अलग सीट दें
लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा और संवैधानिक सुरक्षा दिए जाने की मांग को लेकर रविवार (4 फरवरी) को भी प्रदर्शन जारी है। लेह में कड़कड़ाती ठंड के बीच हजारों लोगों ने सड़कों पर मार्च निकाला।इनकी मांग है कि लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा मिले और संविधान के छठे शेड्यूल को लागू किया जाए। साथ ही लेह और कारगिल को संसद में अलग-अलग सीटें दी जाएं।