एमडीयू में आयोजित कार्यक्रम में बोलते हुए कुलपति प्रो. राजबीर सिंह
रोहतक की महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (MDU) में रसायनशास्त्र विभाग के तत्वाधान में रीसेंट ट्रेंड्स इन मैटिरियल्स एंड लाइफ साइंसेज विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित की। जिसमें एमडीयू के कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने कहा कि ज्ञान-विज्ञान-प्रौद्योगिकी का उपयोग समाज-राष्ट्र तथा मानव कल्याण में किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि मानव के चिकित्सीय जरूरतों के लिए, खाद्य जरूरतों के लिए, जीवन की बेहतर गुणवत्ता के लिए वैज्ञानिकों तथा विज्ञान के शिक्षकों को योगदान देना होगा। प्रतिष्ठित कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि डा. स्वामीनाथन के वैज्ञानिक प्रयासों ने ही भारत में हरित क्रांति संभव हुई। विज्ञान तथा वैज्ञानिक प्रयोगों को प्रयोगशालाओं से निकालकर जमीनी उपयोग में लाएं।
एमडीयू में आयोजित राष्ट्रीय सेमिनार का शुभारंभ करते हुए अतिथि
लाइफ साइंस का उपयोग मेडिसन क्षेत्र में भी किया जा सकता है
राष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र में मुख्यातिथि डा. बीआर अंबेडकर नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, सोनीपत की वाइस चांसलर डा. अर्चना मिश्रा ने कहा कि मैटिरियल साइंस का उपयोग एडवांस्ड मैटिरियल्स विकास में तथा लाइफ साइंसेज का उपयोग मेडिसन क्षेत्र में विशेष रूप से किया जा सकता है। स्वास्थ्य क्षेत्र तथा पर्यावरणीय क्षेत्र की चुनौतियों का सामना वैज्ञानिक अनुसंधान के जरिए संभव है। डा. अर्चना मिश्रा ने वैज्ञानिक उपयोग के ऐथिकल मुद्दों पर भी चिंतन की बात रखी।
वैदिक काल से भारतीय ज्ञान परंपरा में विज्ञान का महत्व बताया
डीन, एकेडमिक एफेयरस प्रो. सुरेन्द्र कुमार ने वैदिक काल से भारतीय ज्ञान परंपरा में विज्ञान के महत्त्व को उकेरा। उन्होंने रसेश्वर दर्शन का विशेष उल्लेख किया। रसायनशास्त्र विभाग के सेवानिवृत्त प्राध्यापकगण समेत देश व प्रदेश के अन्य राज्यों से रसायनशास्त्र, जीवन विज्ञान विषयों के प्राध्यापकगण, शोधार्थी, विद्यार्थी कार्यशाला में उपस्थित रहे।