हरियाणा के रोहतक स्थित PGI में चल रही भूख हड़ताल पर बैठे MBBS के छात्र रमन की शुक्रवार रात का अचानक स्वास्थ्य खराब हो गया। रोहतक PGI में 2021 बैच के MBBS छात्र रमन को चक्कर आने लगे। जब छात्र को उपचार के लिए इमरजेंसी में भर्ती करवाने की बात आई तो करीब आधा घंटे तक एंबुलेंस नहीं पहुंची।
भूख हड़ताल स्थल पर मेडिकल जांच टीम व एंबुलेंस की व्यवस्था नहीं होने के कारण छात्रों में रोष है। वहीं छात्रों ने कहा कि कुछ दूरी पर होने के बावजूद भी आधे घंटे तक एंबुलेंस नहीं पहुंच पाई। जिसके कारण मजबूरन गाड़ी में छात्र रमन को उपचार के लिए इमरजेंस में लेकर जाना पड़ा।
MBBS छात्र अंकित
प्रशासन का गैरजिम्मेदाराना रवैया
रोहतक PGI में MBBS स्टूडेंट तृतीय वर्ष के छात्र अंकित ने बताया कि उन्होंने अपनी मांगों को लेकर भूख हड़ताल शुरू की थी। लेकिन प्रशासन का गैर जिम्मेदाराना रवैया रहा है। भूख हड़ताल के दो दिन हो गए हैं। लेकिन अभी तक कोई भी मेडिकल टीम छात्रों का चेकअप करने के लिए नहीं आई। वहीं एक विद्यार्थी रमन की तबीयत खराब हो गई।
आधे घंटे तक नहीं आई एंबुलेंस
अंकित ने कहा कि रमन के सिर में दर्द व चक्कर आने की शिकायत थी। इसलिए उन्होंने MS को फोन पर सूचित किया। जिसके बाद मौके एमएस मौके पर पहुंचे। लेकिन जब एंबुलेंस को कॉल की तो करीब आधा घंटे तक नहीं पहुंची। चंद मिनटों की दूरी पर भी एंबुलेंस नहीं पहुंचना बहुत गलत है। फिलहाल रमन का सामान्य उपचार किया गया।

MBBS छात्र सचिन शर्मा
तबीयत खराब होने के बाद भी भूख हड़ताल पर रहने की बात कही
MBBS स्टूडेंट सचिन शर्मा ने बताया कि जब रमन की तबीयत खराब थी और उसे इमरजेंसी जाने के लिए कहा तो वह भूख हड़ताल पर ही रहने की बात कह रहा था। रमन ने कहा था कि चाहे तबीयत अधिक खराब हो जाए, लेकिन भूख हड़ताल को बीच में छोड़ना नहीं चाहूंगा। ताकि बाँड पॉलिसी को वापस करवाया जा सके।
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गाड़ी में लेकर पहुंचे इमरजेंसी
सचिन ने कहा कि छात्रों की भूख हड़ताल के चलते मेडिकल टीम का गठन होना चाहिए था, लेकिन ऐसा कुछ नहीं दिखा। एंबुलेंस भी वहां मौजूद रहनी चाहिए थी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं दिखा। अगर आम लोग भूख हड़ताल की घोषणा करते हैं तो वहां भी मेडिकल टीम व एंबुलेंस उपलब्ध करवाई जाती है। जबकि भावी चिकित्सकों के लिए यह व्यवस्था नहीं की गई। इसलिए खुद की गाड़ी में इमरजेंसी पहुंचाया गया।

रोहतक PGI में धरने ने पर बैठे MBBS छात्र
छात्र-प्रशासन आमने-सामने
MBBS स्टूडेंट्स की बाँड पॉलिसी के विरोध में चल रही हड़ताल खत्म करवाने के लिए प्रशासन व छात्र आमने-सामने आ गए हैं। छात्रों ने भूख हड़ताल कर दी है, वहीं मांग नहीं मानने तक विरोध प्रदर्शन तेज करने की चेतावनी भी दी है। रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन समर्थन में आ चुकी है। इधर, रोहतक PGIMS प्रशासन हड़ताल को खत्म करने के लिए सख्ती बरतनी आरंभ कर दी है। पंडित भगवत दयाल शर्मा PGIMS के डायरेक्टर ने ऑर्डर जारी करते हुए कहा है कि सभी छात्र हड़ताल को तुरंत समाप्त करें। अगर ऐसा नहीं करते हैं तो उन्हें 24 घंटे में होस्टल खाली करना होगा। साथ ही कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।

रोहतक PGI में धरने ने पर बैठे MBBS छात्र
1 नवंबर को शुरू किया था धरना
MBBS स्टूडेंट्स ने रोहतक पीजीआइ में बाँड पॉलिसी के विरोध में 1 नवंबर को धरना आरंभ किया था। जो लगातार जारी है। इस 26 दिन के अंतराल में विद्यार्थियों ने अलग-अलग तरीके से विरोध प्रदर्शन किया। अब भूख हड़ताल शुरू कर दी है। साथ ही अपनी मांगों को सरकार तक पहुंचाने का प्रयास किया।
4 साल में देने होंगे 40 लाख
MBBS स्टूडेंट ने कहा कि नई बाँड पॉलिसी के तहत उन्हें प्रतिवर्ष 10 लाख रुपए देने होंगे। चार साल में विद्यार्थियों को कुल 40 रुपए देने पड़ेंगे। जबकि प्रतिवर्ष करीब 80 हजार रुपए फीस लगती थी। इस पॉलिसी के तहत MBBS स्टूडेंट्स को 7 साल तक सरकारी संस्थानों में सेवाएं देनी होंगी। जबकि छात्रों की मांग है कि 40 लाख की राशि का बाँड हटाया जाए। साथ ही वे सेवा करने के लिए तैयार हैं, लेकिन सरकारी संस्थाओं में ड्यूटी करने की अवधि 7 साल से घटाकर एक साल की जाए। क्योंकि अगले वर्ष नए छात्र मिल जाएंगे।