हरियाणा में गैंगस्टर और नशा तस्करों की कमर तोड़ने के लिए की जा रही तोड़फोड़ की कार्रवाई के तहत शुक्रवार को रेवाड़ी शहर में भी प्रशासन का बुलडोजर गैंगस्टर की प्रॉपर्टी पर चलेगी। कालका रोड पर महर्षि वाल्मीकी ट्रस्ट की जमीन पर 44 से ज्यादा दुकानें बनी हुई हैं।
इस ट्रस्ट का प्रधान बदमाश सुनील ढुलगच है। सुनील आलू गैंग का सरगना है और फिलहाल गुरुग्राम की भोंडसी जेल में बंद है। आरोप है कि बगैर नक्शा पास कराए अवैध तरीके से दुकानें बनाकर लोगों को पगड़ी पर बेच दी गई। सभी दुकानें किराए पर है, जिनमें लोगों ने व्यापार किया हुआ है।
देर रात ही खाली होने लगी दुकानें
प्रशासन ने 29 सितंबर तक इन दुकानों को खाली करने का नोटिस ट्रस्ट के गेट पर चस्पा किया था। 30 सितंबर को तोड़फोड़ की कार्रवाई की डेडलाइन दी गई। इन दुकानों पर व्यापार करने वाले लोगों का कहना है कि नगर परिषद ने 2 दिन पहले नोटिस चस्पा किया है। उन्होंने 12 से 15 लाख रुपए देकर पगड़ी पर दुकानें ली हुई हैं, जिसका हर माह किराया भी चुकता करते हैं।
देर रात मौके पर पहुंची पुलिस।
दुकानदारों ने कहा कि अगर दुकानों को बनाने में किसी तरह की खामियां हैं तो ट्रस्ट के प्रधान पर कार्रवाई होनी चाहिए। इन खामियों को पूरा करने के लिए उन्हें समय दिया जाना चाहिए। त्योहार के सीजन में इस तरह तोड़फोड़ करने से उनका पेट पालना भी मुश्किल हो जाएगा।
वहीं दूसरी तरह गुरुवार देर रात पुलिस बल एरिया में आया, जिसे देखकर कुछ लोगों ने रात में ही दुकानें खाली करनी शुरू कर दीं। इस दौरान सतीश यादव भी पहुंचे और कहा कि अगर किसी ने गलत किया है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। दुकानदारों ने थोड़े गलत किया है।
संगीन मामलों में नामजद सुनील ढुलगच
दरअसल, रेवाड़ी के कुख्यात बदमाश रहे रवि उर्फ आलू की हत्या होने के बाद सुनील ढुलगच ने गैंग की कमान संभाली। सुनील पर हत्या, हत्या के प्रयास, अपहरण, रंगदारी, लूट जैसे संगीन मामले दर्ज हैं। उसकी शहर के ही कुख्यात बदमाश राजकुमार उर्फ झोंटा की गैंग से दुश्मनी चली आ रही है। दोनों गैंग के बीच कुछ माह पहले भी टकराव हुआ था। सुनील और उसके ज्यादातर गुर्गे फिलहाल जेल में बंद हैं।
10 से ज्यादा लोगों को नोटिस
बता दें कि रेवाड़ी पुलिस और नगर परिषद ने 10 से ज्यादा ऐसे लोगों की लिस्ट बनाई हुई, जो काफी सालों से नशे के कारोबार से जुड़े हैं। इनमें शहर के कुछ बड़े नशा तस्कर और बड़ी गैंग के बदमाश शामिल हैं। इन सभी की प्रॉपर्टी पर नगर परिषद की तरफ से नोटिस चस्पा किए जा चुके हैं।
.