रेवाड़ी के गांव कारोली में खाना बनाते समय गर्म तेल गिरने से झुलसी महिला को ससुराल वालों ने इलाज कराने के बजाय कमरे में बंद कर दिया। उसी दौरान उसका गर्भपात हो गया। ससुराल वालों ने भ्रूण को कूड़े के ढेर में फेंक दिया। पुलिस ने इस मामले में पति समेत 4 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। वहीं महिला को इलाज के लिए रोहतक PGI रेफर किया है।
पुलिस को दी शिकायत में 20 वर्षीय चंदा ने बताया कि 23 जून को वह गैस पर खाना बना रही थी। उसी दौरान तेज उस पर गिर गया और वह झुलस गई। ससुराल वालों ने उसका इलाज कराने के बजाय उसे कमरे में बंद कर दिया। उसे अपने मायका पक्ष के लोगों से बात करने का मौका तक नहीं दिया गया।
गर्भपात हुआ, कूड़े में फेंका भ्रूण
26 जून को उसकी कोख से पल रहा 4 महीने का बच्चा खराब हो गया। परिवार के सदस्यों ने भ्रूण को उठाकर कूड़े के ढेर में फेंक दिया। वह बार-बार अपने परिजनों से बात करने की गुहार लगाती रही, लेकिन उसके पति ने बात करने से मना कर दिया। पति के पास उसके भाई का फोन आया तो उसने बात नहीं कराई, वह चिल्लाई तो उसके मायका पक्ष को शक हो गया और वह गांव कारोली पहुंच गए। इसके बाद उसे अस्पताल ले जाया गया।
चंदा के बयान दर्ज करने के बाद नाहड़ पुलिस चौकी ने पति करण सिंह, जेठ राजकुमार, जेठानी मेघा और सास मायावती के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है। वहीं महिला के भी मजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज कराए गए हैं।