जस्टिस गंगोपाध्याय को 2 मई 2018 को कोलकाता हाईकोर्ट एडीशनल जज नियुक्त किया गया था और 30 जुलाई 2020 को परमानेंट जज के रूप में प्रमोट किया गया था।
कलकत्ता हाईकोर्ट के जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय पद से इस्तीफा देंगे। उनके लोकसभा चुनाव लड़ने की संभावना है। रविवार को उन्होंने बताया कि वे 5 मार्च को रिजाइन कर देंगे। जस्टिस गंगोपाध्याय इसी साल अगस्त में रिटायर्ड होने वाले हैं।
रविवार को जस्टिस गंगोपाध्याय ने कहा कि मेरी आत्मा मुझसे कह रही है कि जज के रूप में मेरा कार्यकाल समाप्त हो गया है। मैं वामपंथी दलों, कांग्रेस या भाजपा में से किसी में भी शामिल होकर लोकसभा चुनाव लड़ सकता हूं। मैं मंगलवार को राष्ट्रपति, सीजेआई और हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को इस्तीफा भेजूंगा।
इस्तीफा देने के बाद करेंगे प्रेस कॉन्फ्रेंस
जस्टिस गंगोपाध्याय बंगाल के सरकारी व सहायता प्राप्त स्कूलों में शिक्षकों और कर्मचारियों की भर्ती में गड़बड़ी के आरोपों सहित राज्य के कम से कम 14 मामलों की जांच केंद्रीय एजेंसियों से कराने का आदेश दे चुके हैं। इसके चलते वे सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के निशाने पर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इस्तीफा भेजने के बाद दोपहर 1.30 बजे मास्टरदा (सूर्य सेन) की प्रतिमा के नीचे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करूंगा, जहां इस्तीफे का कारण और भविष्य की योजनाएं बताएंगे।
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सुप्रीम कोर्ट में शनिवार (27 जनवरी) को कलकत्ता हाईकोर्ट के दो जजों से जुड़े मामले पर सुनवाई हुई, जिसमें जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने जस्टिस सोमेन सेन पर पार्टी विशेष को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया है। जस्टिस गंगोपाध्याय ने जस्टिस सोमेन के इस फैसले को ही अवैध करार दिया। साथ ही कहा कि मामले की CBI जांच जारी रहेगी।
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