एस• के• मित्तल
सफीदों, गांव सिल्लाखेड़ी में दूसरे दिन रामलीला के मंच पर राजा हिरणाकश्यप के ड्रामे का मंचन किया गया। जिसमें गांव के सीनियर कलाकार सतीश पंडित ने राजा हरणा कश्यप, अनिल लठवाल ने विष्णु भगवान व बालक कलाकार टिंकू पंडित ने प्रहलाद भगत की भूमिका निभाई। ड्रांमे के निर्देशक की भूमिका संजीव लठवाल ने निभाई।
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जिन्होंने सभी दर्शनों को मंच पर टकटकी लगाए रखने पर मजबूर कर दिया। दर्शनों ने भी ड्रामे का खूब आन्नंद लिया। डायरेक्टर संजीव के अनुसार ड्रामा से दर्शकों को संदेश दिया कि भगवान की भक्ति में ही शक्ति है। ड्रामा में दर्शाया गया कि राजा हरणा कश्यप घमंड हो गया था, भगवान कुछ नहीं होता। उससे अधिक शक्ति किसी भी नहीं है। लेकिन जो सच्चे मन से भगवान की पूजा करते है प्रहलाद भगत को अपनी पूजा करवाने के प्रयास करता है।
लेकिन प्रहलाद भगत से विष्णु भगवान ही पूजा करते रहते है, अंत में विष्णु भगवान नरसिंह बनकर राजा हरणाकश्यप का खातमा करते है। इसलिए सच्ची भक्ति में शक्ति है।