जुलाना : नशीले पदार्थ के आरोपित पप्पी की मौत के पांचवें दिन भी अंतिम संस्कार नहीं हो पाया और स्वजनों का धरना जारी रहा। धरने पर राज्यमंत्री अनूप धानक और जुलाना के विधायक अमरजीत ढाडा पहुंचे और स्वजनों को सांत्वना दी। विधायक अमरजीत ढांडा ने कहा कि दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा
। जो भी दोषी होगा उसे सजा दिलाई जाएगी। पंचायत की अध्यक्षता कुलदीप खासा ने की। कमेटी के प्रधान अनिल नागर ने कहा कि पीड़ित परिवार को सरकार पांच करोड़ रुपये मुआवजा और एक सरकारी नौकरी दे ताकि परिवार का गुजर बसर हो सके। उन्होंने कहा कि किसी दबाव के कारण एफआइआर नहीं हो पा रही है। पुलिस का कर्त्तव्य बनता है कि वो सबसे पहले शिकायत के आधार पर एफआइआर दर्ज करे और जांच करे, लेकिन पुलिस पीड़ितों की शिकायत पर एफआइआर दर्ज नहीं कर रही है। राज्य मंत्री अनूप धानक ने कमेटी के सदस्यों के साथ एक घंटे तक बैठक की, लेकिन कोई भी नतीजा नहीं निकल पाया।
राज्य मंत्री ने एफआइआर की बात तो स्वीकारी, लेकिन बिना नाम के एफआइआर पर कमेटी के सदस्य राजी नही हुए और बैठक बेनतीजा रही। कमेटी के सदस्यों की पहली मांग है कि दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ नाम से एफआइआर दर्ज हो। उन्हें तुरंत प्रभाव से बर्खास्त किया जाए और साथ ही उन्हें गिरफ्तार किया जाए। स्वजनों की मांग है कि जिन पुलिस कर्मियों ने पप्पी के साथ मारपीट की है उनके खिलाफ पहले एफआइआर दर्ज हो। उसके बाद ही अंतिम संस्कार करेंगे।
वार्ड चार की चौपाल में चल रहे धरने पर शुक्रवार को आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रभारी एवं राज्यसभा सदस्य सुशील गुप्ता व पूर्व सांसद अशोक तंवर पहुंचे। जहां पर पप्पी के परिवार के सदस्यों का आर्थिक सहायता के तौर पर दोनों ने एक-एक लाख रुपये दिए। इसके अलावा आप के प्रदेश प्रवक्ता सतीश राज देशवाल ने 51 हजार रुपये आर्थिक सहायता दी। बाद में जिला मुख्यालय पर पहुंचकर राज्यसभा सदस्य सुशील गुप्ता व अशोक तंवर कार्यकर्ताओं के साथ एसपी नरेंद्र बिजारनियां से मिले।
जहां पर हिरासत के दौरान उसको यातना देने वाले पुलिस कर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की। बाद में सुशील गुप्ता व अशोक तंवर ने कहा कि प्रदेश में आए दिन गरीबों पर अत्याचार हो रहे हैं, लेकिन प्रदेश सरकार मूकदर्शक होकर देख रही है। दोषी पुलिस कर्मियों पर कार्यवाही करे और पीड़ित के परिवार को आर्थिक सहायता, मुआवजा व सरकारी नौकरी दी जाए।