असंध राेड के पास शुगर मिल तक जाने वाला रजबाहा करीब 40 साल पहले बंद हाे गया था। इस जमीन से कब्जा हटाने का कार्य बंद हो गया, क्योंकि तीन फैक्ट्री मालिकों ने अपनी जमीन बताते हुए विरोध कर दिया।
सोमवार को जमीन का मिलान करने के लिए 142 साल पुराना रिकाॅर्ड लेकर टीम पैमाइश कराने के लिए पहुंची। टीम ने सभी फैक्ट्री मालिकाें की रजिस्ट्री अपने पास रख ली और साथ लेकर वापस लाैट गई। टीम मेंबराें का दावा है कि अब इन तीनाें ही फैक्ट्रियों की रजिस्ट्री काे वर्ष 1880 से पहले के रेवेन्यू रिकाॅर्ड से मिलाया जाएगा।
करीब 20 अधिकारी और कर्मचारियों काे सौंपी है जिम्मेदारी
पैमाइश पूरी करने की जिम्मेदारी जिस टीम काे साैंपी गई है, उसमें करीब 20 अधिकारी और कर्मचारी शामिल है। इनमें विशेष रूप से सिंचाई विभाग के एसडीओ राजेश, कानूनगाे, पटवारी, नगर निगम और जेई समेत अन्य माैके पर पहुंचे।
माइनर में बदल गया था रजबाहा
सतकरतार काॅलाेनी में रजबाहा का टेल हुआ करता था। इसी टेल से आगे रजबाहा कई भागाें में माइनर के रूप में आगे बंट गया। एक माइनर शुगर मिल तक जाता था, एक पश्चिम दिशा की ओर जाता था। माइनर की चाैड़ाई 6 गट्ठे से 8 गट्ठे तक थी। एक गट्ठे करीब 8.25 फुट के हाेते हैं। इस तरह से जिस भी फैक्ट्री की जमीन में माइनर थी, उतनी ही खाली करवाई जाएगी।