भारतीय संस्कृति में बसंत पंचमी का विशेष महत्व – सरोज गोयल
एस• के• मित्तल
सफीदों, महिला अग्रवाल वैश्य समाज के तत्वावधान में शनिवार को नगर के सरस्वती विद्या मंदिर स्कूल में बसंत पंचमी का पर्व धूमधाम से मनाया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता महिला अग्रवाल वैश्य समाज की अध्यक्ष सरोज गोयल ने की। इस मौके पर उपस्थित महिलाओं ने मां सरस्वती प्रतीमा के सम्मुख दीप प्रज्जवलित करके उन्हे पुष्प अर्पित किए। इस मौके पर महिलाओं ने बसंत पंचती के गीत गाए और गीतों की धून पर नृत्य किया। वहीं कार्यक्रम में अनेक प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता में विजेता रही महिलाओं को पुरस्कृत किया गया। अपने संबोधन में अध्यक्ष सरोज गोयल ने कहा कि भारतीय संस्कृति में बसंत पंचमी का विशेष महत्व है। वसंत पंचमी के दिन से ही ऋतुराज वसंत का आगमन होता है। धरती सरसों के खिले पीले फूलों के कारण पीली चादर ओढ़ लेती है और प्रकृति में नए जीवन व प्रेम का संचार होता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, सृष्टि की रचना होने के बाद सभी जीव पृथ्वी पर वास कर रहे थे, लेकिन चारों ओर सन्नाटा पसरा हुआ था। इस वजह से ब्रह्मा जी ने वाणी की देवी मां सरस्वती का आह्वान किया। उनके आह्वान पर माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को माता सरस्वती का प्रकाट्य हुआ था। मां सरस्वती की कृपा से ही जीवों को