मुख्यमंत्री से मदद की गुहार लगाता अस्पताल में एडमिट रोहित।
हरियाणा के जिले करनाल में एक बेटा आंखों के सामने तिल-तिल मर रहा है, तडफ रहा है, लाचार मजदूर पिता के सामने तडफते बेटे को देखने के सिवा कोई चारा नहीं। पिता मन मसोस कर अपने दुर्भाग्य को कोस रहा है।
मजदूर पिता के सामने गम इतना बड़ा है कि बेटे को बचाने के लिए हर किसी के आगे हाथ पसार रहा है। देश-प्रदेश में बनी आर्थिक विषमता के चलते अंतिम पायदान पर खड़े मजदूर पिता दूसरे लोगों की मदद का मोहताज बन चुका है। मदद मिले तो बीमार बेटे का इलाज संभव हो सकेगा, नहीं तो आंखों के सामने बेटे की मौत निश्चित है।
पाई-पाई का मोहताज बना पिता
मजदूर पिता बेटे को बचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है, लेकिन उसके प्रयास बेटे को बचाने के लिए नाकाफी बन चुके है। पिता के पास बीमार बेटे के इलाज करवाने के लिए पैसे तक नहीं। पिता पाई-पाई का मोहताज बन चुका है, फिर भी लाचार बेबस पिता बेटे को बचाने में कोई कसर नहीं छोडना चाहता।
रोहित के आयुष्मान कार्ड का दृश्य।
हम बात कर रहे है नीलोखेड़ी के गांव अंजनथली वासी ईंट-भट्ठे पर काम करने वाले श्रमिक नरेश कुमार की। मजदूर नरेश कुमार का बेटा रोहित गंभीर किडनी रोग से ग्रसित है। जिसका इलाज दिल्ली के महंगे अस्पतालों में शुमार अपोलो अस्पताल में चल रहा है, चूंकि प्रदेश के सरकारी अस्पतालों, मेडिकल कॉलेजों में रोहित का इलाज संभव नहीं। इन अस्पतालों में उच्च स्तरीय इलाज की व्यवस्था नहीं है।
जिसके चलते लाचार पिता को कुछ न होते हुए भी अपोलो में बेटे का इलाज करवाने के लिए विवश होना पड़ रहा है। लेकिन वहां पर डॉक्टरों द्वारा लिखी जाने वाली महंगी दवाओं की व्यवस्था कर पाना मजदूर नरेश के लिए बस की बात नहीं। इसलिए नरेश कुमार ने शासन-प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है।
अस्ताल में भर्ती बेटा भी लगा रहा मुख्यमंत्री को गुहार
सोशल मीडिया पर एक वायरल वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें 17 वर्षीय रोहित अस्पताल में वेंटीलेटर पर रहते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल को से मदद की गुहार लगा रहा है। लड़का बोल रहा है मुख्यमंत्री जी मुझे बचा लो, बचा लो मुझे मैं मर जाऊंगा। बच्चे की इतनी दर्दनाक अपील से हर किसी का दिल पसीज जाए।
पिता 7 साल पहले दे चुका बेटे को किडनी
रोहित के पिता नरेश ने बताया कि उसका बेटा रोहित पढ़ने में बहुत होशियार है। इस बार उसके 12वीं कक्षा में वह बहुत अच्छे अंक आए है। 7 साल पहले भी उसके बेटे को किडनी की समस्या आई थी। तब उसने अपने बेटे को बचाने के लिए अपनी किडनी अपने बेटे को दी थी। उस समय निलोखेड़ी के विधायक भगवानदास कबीरपंथी के सहोयग से अस्पताल में किडनी ट्रांसप्लांट करवाया था। लेकिन अब 7 साल बाद फिर उसके बेटे की किडनी ने काम करना बंद कर दिया।
पिछले 16 दिन से लड़ रहा जिंदगी की जंग
पिता नरेश ने बताया कि 16 दिन पहले रोहित की तबीयत खराब हो गई थी। जिससे इलाज के लिए उसे कुरूक्षेत्र के आरोग्य अस्पताल में ले गए जहां आयुष्मान कार्ड से इलाज हो सके, लेकिन हालत खराब होने पर उन्होंने उसके बेटे को दिल्ली अपोलो अस्पताल रेफर कर दिया गया। यहां सरकारी सुविधाओं का लाभ न मिलने के कारण सभी खर्चे जेब से उठाना मुश्किल हो रहा है। पिछले 16 दिन से उसका बेटा जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहा
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