बुजुर्ग महिला को बुढ़ापा पैंशन देने में बैंककर्मी पैदा कर रहे परेशानी

 

 

 

महिला ने ब्रांच मैनेजर की शिकायत सीएम विंडों व बैंक जीएम को भेजी

सीएम विंडों पर भी लगाए बैंक अधिकारियों से मिलीभगत के आरोप

 

 

एस• के• मित्तल 

सफीदों,        भले ही केंद्र व राज्य सरकारें बुजुर्गों को सरकारी योजनाओं को लाभ अतिशीघ्र पहुंचाने की कोशिश कर रहीं हो लेकिन कुछ अधिकारी व कर्मचारी उन योजनाओं को लाभ योग्य पात्रों तक पहुंचाने के कार्य में कहीं ना कहीं अडंगा लगाने का कार्य करते रहते हैं।

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इसी प्रकार का मामला नगर के रेलवे रोड़ स्थित यूनियन बैंक की शाखा में सामने आया हैं। इस बैंक की खाताधारक एक बुजुर्ग महिला अपनी बुढ़ापा पैंशन की राशी प्राप्त करने के लिए धक्के खा रही है तथा बैंक के अधिकारी उसकी मदद करने की बजाए उसे टरकाने का काम कर रहे है। थक हारकर गांव सिंघाना की बुजुर्ग महिजा कैलाशो देवी ने ब्रांच मैनेजर की शिकायत सीएम विंडों व बैंक के जीएम को की है। शिकायत में महिला ने कहा कि उसका बचत खाता सफीदों के रेलवे रोड़ स्थित युनियन बैंक आफ इंडिया की ब्रांच में खुलवाया हुआ है।

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मेरी बुढ़ापा पैंशन भी इसी खाता में आती है। वह गांव सिंघाना से अपने बेटे नितिश जैन के साथ बुढ़ापा पैशन लेने के लिए बैंक में गई थी। वहां मौजूद कर्मचारी ने मुझे यह कहकर पैंशन देने से इंकार कर दिया कि अगर वह अपना आधार कार्ड व पैनकार्ड साथ लेकर आएगी तो ही पैंशन खाते से निकलेगी। उसके बाद वह बैंक मैनेजन दीनदयाल से मिली। उन्होंने भी रटा-रटाया सा जवाब दिया। मैने मैनेजर को बताया कि उसने इस सेविंग खाता में पहले से ही अपना आधार कार्ड व पैनकार्ड लिंक करवाया हुआ है लेकिन वह नहीं माने। जब मेरे बेटे ने नियमों की दुहाई दी तो उसके बाद मैनेजर व अन्य कर्मचारी ने उनके साथ बदतमीजी की। वृद्ध महिला का कहना है कि सफीदों से उसका गांव करीब 7 से 8 किलोमीटर पड़ता है। वह अपनी पैंशन लेने के लिए आती है तथा खाली हाथ धक्के खाकर लौट जाती हैं। उसने बताया कि इससे पहले भी उसने इस मामले की शिकायत सीएम विंडों में की थी लेकिन वहां पर बैंक अधिकारियों ने मिलीभगत करके उसकी शिकायत को दबा दिया गया। शिकायत का कार्यक्षेत्र सफीदों है लेकिन शिकायत की जांच नियमों को दरकिनार करके सफीदों की बजाए जींद के किसी ऐलिमेंट पर्सन से करवाई गई। जींद के एलीमेंट पर्सन ने इस मामले में की जांच में उन्हे शामिल होने की कोई सूचना नहीं दी। उनकी सहमति के बिना ही उन्हे धोखे में रखकर अपने आप ही मामले का निपटारा हुआ दिखा दिया गया जबकि सहमति पत्र पर उसके कोई अंगुठे या दस्तखत नहीं हैं। उन्हे तो तब पता चला जब सीएम विन्डो चण्डीगढ़ से फोन आया और हमने उनको बताया कि वे संतुष्ट नहीं हैं।

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महिला कैलाशो देवी ने सरकार व बैंक के आलाधिकारियों से मांग की कि उसे न्याय दिलवाया जाए तथा आरोपी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। साथ ही साथ उसने यह भी मांग की कि सीएम विंडों में इस मामले की जांच सफीदों में नियुक्त ऐलिमेंट पर्सनों से करवाई जाए। इस मामले में बैंक मैनेजर दीनदयाल का पक्ष जानने के लिए उनके दोनों मोबाईल नंबरों पर कई बार संपर्क किया लेकिन उनका मोबाइल स्वीच ऑफ आया।

 

 

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