हरियाणा में बिपरजॉय तूफान का असर इस बार मानसून पर पड़ा। चक्रवात के कारण हरियाणा में मानसून लेट पहुंचने का अनुमान है। मौसम विभाग ने संभावना जताई है कि जून के लास्ट में मानसून राज्य में दस्तक दे सकता है। इससे पहले 21 जून तक सूबे में मानसून पहुंचने का अनुमान मौसम विभाग ने लगाया था।
मानसूनी बारिश लेट होने के कारण धान के किसानों को फसल की रोपाई में भी देरी होने की बात कृषि विशेषज्ञ कह रहे हैं।
हरियाणा से विदा हो चुका बिपरजॉय
हरियाणा में लगभग दो दिन सक्रिय रहने के बाद बिपरजॉय तूफान अब विदो ले चुका है। इसके कारण आधे हरियाणा में तेज हवा के साथ बारिश भी हुई। बारिश के आंकड़ों को यदि हम देखे तो औसतन 2.1 MM बारिश रिकॉर्ड की गई। कई स्थानों पर विंड स्पीड भी 60 किलोमीटर दर्ज की गई। सबसे ज्यादा बारिश कुरुक्षेत्र में हुई, यहां 19.6 एमएम बारिश हुई।
जून में 43% कम बारिश
मौसम विभाग ने पहले ही संभावना जता चुका है कि बिपरजॉय के कारण हरियाणा में 91% कम बारिश होगी। प्रदेश में 1 जून से 19 जून तक 15.3 एमएम बारिश हुई है, जो सामान्य से 43 प्रतिशत कम है। वैसे इस समय तक 26.9 एमएम बारिश सामान्य मानी जाती है। सूबे के सात जिलों में सामान्य से बहुत कम, छह जिलों में कम और सात जिलों में सामान्य बारिश हुई। दो जिले ऐसे भी रहे जहां सामान्य से अधिक बारिश हुई।
धान की रोपाई पर पड़ेगा असर
हरियाणा में सामान्य से बारिश कम होने का सबसे ज्यादा असर 15 जून से शुरू हो चुकी धान की रोपाई पर पड़ रहा है। राज्य में इस बार 12 से 15 लाख हेक्टेयर में धान की रोपाई होनी है। बारिश कम होने के कारण तय लक्ष्य में कमी आएगी या देरी होगी। हालांकि अच्छी बात यह है कि जून में कम होने वाली बारिश की भरपाई आने वाले महीनों में हो जाएगी।
मई में 71% ज्यादा बरसे बदरा
हरियाणा के लोगों पर इस मौसम मेहरबान रहा है। मई माह की ही बात करें तो राज्य में 1 मई से 26 मई तक 26 मिलीमीटर बारिश हुई है, जो सामान्य से 71% ज्यादा बारिश है। वैसे अमूमन मई में 15.2% सामान्य बारिश होती है। हालांकि जून में बारिश कम होने के आसार मौसम विभाग ने जताए हैं। मौसम विभाग के अनुसार जून में इस बार सामान्य से 92% बारिश कम होगी।
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