इस वीडियो में नजर आ रहा है कि बुलढाणा विधायक गले में एक माला पहने हुए हैं, जिसमें एक दात लगा हुआ है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंद के MLA के खिलाफ शनिवार (24 फरवरी) को वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है।
बुलढाणा MLA संजय गायकवाड़ ने वीडियो में दावा किया था कि उन्होंने साल 1987 में बाघ का शिकार किया था। बाघ के दांत की माला गले में पहनते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, विधायक का यह वीडियो 19 फरवरी का है। अब वीडियो वायरल है, जिस पर राज्य के वन विभाग ने एक्शन लिया है।
उप वन संरक्षक (बुलढाणा प्रभाग) सरोज गावस के मुताबिक, बुलढाणा विधायक संजय गायकवाड़ ने हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें दावा किया गया कि उन्होंने 1987 में एक बाघ का शिकार किया था और बाघ का दांत अपनी गर्दन में पहना हुआ है।
वन विभाग ने वीडियो का संज्ञान लिया और कथित बाघ के दांत को जब्त करके फोरेंसिक जांच के लिए भेजा है। बुलढाणा रेंज अधिकारी अभिजीत ठाकरे ने कहा कि विधायक के खिलाफ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
काले घेरे में वो दांत जिसे बाघ के शिकार के बाद गले की माला में पहनने का दावा बुलढाणा विधायक ने किया है। इस दांत को वन विभाग ने जब्त कर लिया है।
विवाद में रहते हैं शिवसेना के विधायक संजय गायकवाड़
जय गायकवाड़ अक्सर विवादों से घिरे रहते हैं। महाराष्ट्र में चल रहे मराठा आरक्षण आंदोलन को लेकर इस महीने की शुरुआत में संजय गायकवाड़ का बताया गया ऑडियो वायरल हुआ था। इसमें वे गाली-गलौज करते सुनाई दे रहे थे।
दावा किया गया था कि संजय गायकवाड़ ने कल्याण के शिवसेना कार्यकर्ता दुर्गेश बागुल से फोन पर बात करते हुए मंत्री छगन भुजबल को अपशब्द कहे थे। वही ऑडियो क्लिप वायरल हुआ था। छगन भुजबल मराठाओं को आरक्षण देने का विरोध कर रहे हैं।
साल 2022 में महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के छत्रपति शिवाजी महाराज पर किए गए विवादित बयान पर संजय गायकवाड ने बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि मैं केंद्र सरकार से मांग करता हूं कि महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को किसी अन्य जगह पर भेजा जाए।
भारत में बाघ का शिकार कब से बैन है?
वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के प्रावधानों के तहत बाघ के शिकार पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। इसके तहत खेल के लिए जानवरों का शिकार करना गैरकानूनी है लेकिन विशिष्ट परिस्थितियों में यह कानूनी है।
दुनिया भर की बाघ आबादी का 70 प्रतिशत भारत में
1 अप्रैल 1973 को भारत में बाघों की घटती आबादी को बढ़ाने और उनके संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए देश में टाइगर प्रोजेक्ट की शुरुआत की गई थी। प्रोजेक्ट टाइगर की शुरुआत में 18 हजार वर्ग किमी क्षेत्र में फैले 9 टाइगर रिजर्व को शामिल किया गया था।
आज देश में 53 टाइगर रिजर्व हैं, जो कि करीब 75,000 वर्ग किमी क्षेत्र में फैले हुए हैं। प्रोजेक्ट टाइगर के इन 50 वर्षों की उपलब्धि ये है कि इस समय भारत में करीब 3000 बाघ हैं जो दुनिया भर में बाघ की आबादी का 70 प्रतिशत है।