एस• के• मित्तल
जींद, उपायुक्त डॉ. मनोज कुमार ने जिलावासियों के किसानों का आह्वान किया कि वे फसल की कटाई के उपरांत बचे हुए अवशेषों को ना जलाएं, बल्कि उनका अन्य कार्यों में उनका प्रयोग करें। उन्होंने कहा है कि फसल अवशेषों को जलाने से होने वाले प्रदूषण से मनुष्य के स्वास्थ्य, संपत्ति की हानि, तनाव, क्रोध या मानव जीवन को भारी खतरे की संभावना बनी रहती है
तथा जान माल के नुकसान का भी अंदेशा बना रहता है। उन्होंने किसानों का आह्वान करते हुए कहा कि अगर खेत में अच्छी किस्म की धान है तो उसकी पराली को पशुओं के चारे के रूप में प्रयोग कर सकते हैं और दूसरे पशुपालकों को बेच सकते हैं। इसके अलावा किसान पराली को मशीनों के जरिये खेत में ही नष्ट करके खाद के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।