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बेंगलुरु32 मिनट पहले
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बेंगलुरु की 29 साल की महिला वकील के साथ कुछ लोगों ने 14 लाख रुपए का ऑनलाइन फ्रॉड किया। न सिर्फ इतना बल्कि आरोपियों ने CBI अफसर बनकर नारकोटिक्स टेस्ट के नाम पर उसे स्ट्रिप भी कराया गया। इसके बाद आरोपियों ने उसके न्यूड वीडियो की धमकी देकर उससे 10 लाख रुपए और वसूले। इसके बाद महिला ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
महिला ने अपनी शिकायत में लिखवाया कि यह घटनाक्रम 3 अप्रैल को शुरू हुआ। आरोपियों ने मुंबई साइबर क्राइम टीम या CBI अफसर बनकर दो दिन तक उसे ऑनलाइन हिरासत में रखा। इस दौरान उसका कैमरा और माइक्रोफोन हर समय ऑन रखवाया गया और उसका वीडियो रिकॉर्ड किया गया।
पूरा घटनाक्रम पढ़ें…
1. ड्रग्स के फर्जी पार्सल के नाम पर डराया: 3 अप्रैल को महिला के पास एक कॉल आया, जिसमें किसी ने खुद को फेडएक्स का कर्मचारी बताया और कहा कि महिला के नाम का एक पार्सल रिर्टन हुआ है। उसे बताया गया कि इस पार्सल को मुंबई से थाईलैंड भेजा गया गया था और उसमें पांच पासपोर्ट, तीन क्रेडिट कार्ड और बैन किए गए MDMA यानी एक्सटैसी ड्रग की 140 पिल मौजूद हैं।
जब महिला ने कहा कि उसका इस पार्सल से कोई लेना-देना नहीं है, तो उससे पूछा गया क्या वह आईडेंटिटी थेफ्ट की शिकायत दर्ज कराने के लिए मुंबई में साइबर क्राइम की टीम से संपर्क करना चाहती है। महिला ने हां में जवाब दिया तो उसके कॉल को ट्रांसफर कर दिया गया। फोन की दूसरी तरफ मौजूद व्यक्ति ने दावा किया कि वह साइबर क्राइम टीम से है।
2. फर्जी साइबर क्राइम और फर्जी CBI अधिकारी बनकर बात की: फोन पर व्यक्ति ने महिला से स्काइप डाउनलोड करने को कहा और फिर उसने उसे स्काइप के जरिए कॉल किया। व्यक्ति ने उससे अवैध पार्सल के बारे में पूछताछ की और आधार कार्ड की जानकारी मांगी। इसके बाद खुद को साइबर क्राइम का अफसर बताने वाले व्यक्ति ने कहा कि उसने अपने अधिकारियों से बात की है और उसका आधार कार्ड मानव तस्करी और ड्रग्स को लेकर हाई अलर्ट पर है।
इसके बाद उसने कॉल को कथित CBI अधिकारी अभिषेक चौहान को ट्रांसफर कर दिया। इस कथित अफसर ने उसे कैमरा ऑन करने और बात करने को कहा। इस अफसर ने उसकी सारी डिटेल नोट कीं। इसमें उसका अकाउंट बैलेंस, उसकी सैलरी और इन्वेस्टमेंट तक की जानकारी मांगी गई।
3. हाई-प्रोफाइल केस बताकर महिला को गोपनीयता की शपथ दिलाई गई: कुछ देर के बाद व्यक्ति ने कहा कि उसके बाद उसके अधिकारियों ने आदेश दिया है कि वह गोपनियता को लेकर एक ऑर्डर पढ़कर सुनाए। इसके बाद महिला से शपथ ली गई कि जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती है तब तक वह इस इन्वेस्टिगेशन से जुड़ी कोई डिटेल किसी के साथ साझा नहीं करेगी।
महिला ने पूछा कि क्या वह अपने परिवार वालों या किसी पुलिस अफसर से बात कर सकती है, तो फर्जी अफसर ने उसे मना कर दिया। व्यक्ति ने उसे यकीन दिलाया कि ये उसकी खुद की सुरक्षा के लिए है। महिला ने इस पूरी जांच के बारे में सवाल उठाए तो व्यक्ति ने उसे बताया कि देश के एक नामी बैंक का एक कर्मचारी मनी लॉन्ड्रिंग और ह्यूमन ट्रैफिकिंग स्कैम चला रहा है।
4. 24 घंटे कैमरे की निगरानी में रही महिला, सोते वक्त भी कैमरा ऑन रहा: महिला ने FIR में बताया कि क्योंकि इस हाई-प्रोफाइल केस में पुलिस और राजनेता शामिल थे, इसलिए मुझसे कहा गया कि मैं अफसरों के साथ कॉपरेट करूं और किसी से बात न करूं।
महिला पूरे बुधवार सर्विलांस में रही। महिला से कहा गया कि वह अपने कंप्यूटर का कैमरा ऑन करे और स्क्रीन शेयर करे ताकि वे लोग देख सकें कि मैं किसी को कॉल या मैसेज तो नहीं कर रही हूं। मुझे सोते वक्त भी कैमरा ऑन रखने को कहा गया।
5. अकाउंट का पैसा दूसरे अकाउंट में ट्रांसफर कराया गया: अगले दिन फर्जी CBI अफसर अभिषेक चौहान ने कहा कि RBI गाइडलाइन के मुताबिक उसे अपने अकाउंट का सारा पैसा एक नकली अकाउंट में ट्रांसफर करना होगा, ताकि ट्रांसजैक्शन की वैधता चेक की जा सके। उसे कहा गया कि वह अपनी बैंक ब्रांच जाए, जहां उससे उसी बैंक के दूसरे अकाउंट में अपने अकाउंट का सारा पैसा ट्रांसफर कराया गया। इस दौरान उसे अपने फोन की स्क्रीन शेयर करने को कहा गया ताकि उस पर नजर रखी जा सके।
6. क्रेडिट कार्ड से 4 लाख की खरीदारी की गई: कुछ घंटों बाद जब उसके अकाउंट से पैसा ट्रांसफर हो गया, तो उसे बताया कि CBI ने उसके लेन-देन को लगभग चेक कर लिया है, लेकिन उसके क्रेडिट कार्ड के लेन-देन में कुछ गड़बड़ियां मिली हैं। इसके बाद उसे कहा गया कि वह एक ऐप डाउनलोड करे, जिसके जरिए आरोपियों ने 5 हजार डॉलर (4.16 लाख रुपए) के बिटकॉइन खरीदने की कोशिश की, लेकिन ये ट्रांजैक्शन फेल हो गया।
इसके बाद महिला से अपने क्रेडिट कार्ड की इस्तेमाल की लिमिट बढ़ाने को कहा गया। उसके कार्ड का मिसयूज न हो इसलिए उससे कार्ड की फोटो भेजने को कहा गया और 5 अप्रैल की सुबह एक शॉपिंग साइट पर 2.04 लाख और 1.73 लाख रुपए की खरीदारी की गई। जब उसके पास बैंक के कस्टमर केयर से कॉल आया तो फर्जी अफसर ने उसे मजबूर किया कि वह कंफर्म करे कि ये दोनों ट्रांसजैक्शन उसी ने किए हैं, वर्ना वे लोग ये केस बंद नहीं कर पाएंगे।
7. ड्रग्स केस में गिरफ्तार करने की धमकी दी, नारकोटिक्स टेस्ट के नाम पर कपड़े उतरवाए: इतना करने के बाद फर्जी CBI अफसर ने महिला को नारकोटिक्स टेस्ट के लिए कपड़े उतारने को कहा। महिला को धमकी दी गई कि अगर उसने कपड़े नहीं उतारे तो ड्रग्स के केस में उसे और उसके परिवार को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। महिला को जान से मारने की भी धमकी दी गई और न्यूड वीडियो बनवाया गया।
इसके बाद उस व्यक्ति ने महिला से कहा कि अगर उसने शाम 3 बजे तक उसे 10 लाख रुपए नहीं दिए तो उसका वीडियो डार्क वेब पर डाल दिया जाएगा। इसके बाद महिला ने बेंगलुरु के थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
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