आदित्य सेठी एवं उसके माता पिता।
चंद्रयान-3 के चांद पर सफलतापूर्वक लैंड करने की खुशी में पूरा देश झूम रहा है तो वहीं हरियाणा के फतेहाबाद के लिए यह गर्व की बात है कि इस अभियान में यहां के होनहार वैज्ञानिक आदित्य सेठी के घर अब बधाई देने के लिए लोगों का तांता लगा हुआ है। आदित्य चंद्रयान 3 की नेविगेशन टीम के हिस्सा थे और डिजाइन टेस्टिंग का काम भी देख रहे थे। अब वे इसरो के अगले मिशन गगनयान के लिए तैयारियों में जुटे हैं।
फतेहाबाद में डीएसपी रोड निवासी आदित्य सेठी एक आम परिवार से उठकर इसरो तक पहुंचे हैं। आदित्य का सफर आसान बिल्कुल भी आसान नहीं था। पिता अशोक सेठी साइकिल रिपेयरिंग का काम करते हैं और इस काम से पाई पाई जोड़कर उन्होंने आदित्य और अपनी दो बेटियों की परवरिश की। बेटे-बेटियों के सपनों की उड़ान में कहीं कमी नहीं आने दी।
आदित्य के पिता अशोक सेठी एवं मां।
अशोक सेठी ने बताया कि आदित्य को शुरू से ही सांइंस से बेहद लगाव था। इसलिए बचपन से ही वह साइंटिस्ट बनने का सपना देखता था। उनके रोजगार से आमदनी छोटी थी, लेकिन बेटे के बड़े सपनों के लिए उन्होंने स्कूलिंग में अड़चने नहीं पैदा होने दीं। माता-पिता ने बताया कि आदित्य पिछले साल दीपावली पर घर आया था और उसके बाद अब इस दीपावली को ही वापस आएगा।
ऐसे शुरू हुआ सफर
आदित्य ने अपनी शुरूआती पढ़ाई फतेहाबाद से ही की। अच्छे नंबरों से फतेहाबाद के एक निजी स्कूल से 10वीं, दूसरे स्कूल से 11वीं व 12वीं की। इसके बाद दिल्ली की आईपी यूनिवर्सिटी से बीटेक की। वहां अच्छे नंबर लाने पर सीएम अरविंद केजरीवाल से सम्मान पाया।
फतेहाबाद के आदित्य सेठी।
इसके बाद आईआईटी भुवनेश्वर से एमटेक कर इंटल में जॉब प्राप्त की, लेकिन सपना अभी भी साइंटिस्ट बनने का ही था। जॉब के साथ-साथ इसरो में वैज्ञानिक के लिए 2020 में प्रवेश परीक्षा दी, लेकिन सफल नहीं हो पाया। अगले साल फिर तैयारी कर प्रयास किया तो प्रवेश मिल गया। इसरो में ज्वाइनिंग होते ही इंटल की नौकरी छोड़ दी।
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